नई दिल्ली : दिल्ली में ठंड का मौसम शुरू होने से पहले ही यमुना नदी में जहरीले झाग की समस्या ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। खासतौर पर कालिंदी कुंज घाट पर यह समस्या अपने चरम पर पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जहरीला झाग मुख्य रूप से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से (Chemical Spraying In Yamuna) निकलने वाले कचरे के कारण उत्पन्न हो रहा है।

इसे भी पढ़ें – आतिशी सरकार का बड़ा ऐलान, विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को हर माह मिलेगा 5 हजार रुपए

इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन ने नदी में केमिकल का छिड़काव करने का निर्णय लिया है, ताकि झाग को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। दिल्ली में हर साल अक्टूबर- नवंबर के बीच झाग की मात्रा दोगुनी हो जाती है, और इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के बाद जब यमुना का जलस्तर गिरता है तो प्रदूषण की वजह से झाग की समस्या और भी विकराल हो जाती है।

इसे भी पढ़ें – दिल्ली-एनसीआर में आज से ग्रैप-2 प्रतिबंध लागू, जानें क्या रहेंगी पाबंदियां

Chemical Spraying In Yamuna – कुछ समय पहले केंद्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने यमुना के प्रदूषण पर गंभीर सवाल उठाए थे। यमुना की सफाई और प्रदूषण के आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा दिल्ली की राजनीति का केंद्रीय हिस्सा बन गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है। इस प्रकार प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम क्या पर्याप्त होंगे? क्या दिल्लीवासियों को फिर से प्रदूषण के खतरे का सामना करना पड़ेगा? ये सवाल अब हर किसी के जहन में हैं।

Share.
Exit mobile version