झारखंड में एक बार फिर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर करने के लिए NRC लागू करने वाला मुद्दा चर्चा में आ गया. घुसपैठ और NRC का जिन्न बाहर आने से राज्य में (BJP Told Jharkhand Minister Bangladeshi Muslim) जमकर सियासत हो रही है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने यह मांग की कि आदिवासियों की घटती जनसंख्या एक चिंता का विषय है. संथाल परगना की तेजी से डेमोग्राफी बदल रही है और सभी को एकजुट होना चाहिए. राज्य में एनआरसी लागू करने की उन्होंने मांग कर दी.
इसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने हेमंत सोरेन की सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी पर निशाना साधते हुए उन्हें ही बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान करार दिया और झारखंड में एनआरसी लागू कर उन्हें झारखंड से बाहर करने की बात कह दी है. दरअसल, राज्य सरकार के मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने गिरिडीह में हुई हिंसा मामले में बीजेपी के नेताओं पर तीखा प्रहार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के संदर्भ में कहा था कि वह छत्तीसगढ़ से आए हैं और उनकी राजनीति समाप्त हो चुकी है, उन्होंने ऐसा कहा था मानो वह उनके बारे में नहीं जानते हैं.
BJP Told Jharkhand Minister Bangladeshi Muslim – इसी मुद्दे पर रणधीर सिंह ने कहा कि रघुवर दास झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और सम्मानित नेता हैं. लगातार डॉक्टर इरफान अंसारी कभी रघुवर दास जी पर, तो कभी नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी पर बयानबाजी करते है. उन्होंने पूछा कि इरफान अंसारी आप क्या हैं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष हैं. पूर्व मंत्री रणधीर सिंह ने कहा, रघुवर दास तो झारखंड के स्थानीय हैं, लेकिन इरफान अंसारी आप बांग्लादेशी हैं और रोहिंग्या मुसलमान हैं. राज्य में हम लोग एनआरसी करवा कर आपको राज्य से बाहर भेजने का काम करेंगे.’ दोनों ने एक दूसरे को मानसिक रूप से पागल तक कह दिया है.
बीजेपी ने क्या-क्या जताई चिंता?
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में मुसलमानों की आबादी को लेकर सवाल उठाया है कि उनकी आबादी में बेतहाशा वृद्धि हुई है. मरांडी ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की संख्या में बड़ी गिरावट और मुसलमानों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. आदिवासी समाज की आबादी घटने से भविष्य में उनके लिए आरक्षित विधानसभा, लोकसभा की सीटें कम हो जाएंगी और सरकारी नौकरियों के अवसर भी सीमित रह जाएंगे, जो बेहद चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के हित में राज्य सरकार को झारखंड में NRC लागू करना चाहिए.
वहीं, राज्य में एनआरसी लागू करने और बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा जो विपक्ष के लोग उठा रहे है, उन्हें भी पता है कि बांग्लादेशी घुसपैठ हुई ही नहीं है, बीजेपी वाले एनआरसी के मुद्दे पर केवल राजनीति में वापस आना चाहती है. रही बात बाबूलाल मरांडी की, तो अगर वह आदिवासी हितैषी होते तो आदिवासियों के लिए रिजर्व सीट से चुनाव लड़ते, ना कि सामान्य सीट से. राज्य की जनता ने इन लोगों को चुनाव में बखूबी जवाब दे दिया है.
‘आदिवासियों की आबादी नहीं घटी, भाजपाइयों की बढ़ी’
वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बाबूलाल मरांडी के एनआरसी के मांग पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि बाबूलाल को मैं काफी गंभीर नेता मानता हूं, लेकिन उन्होंने आज सदन में जिस तरह मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल किया है, लेकिन सच्चाई यह है आदिवासियों की आबादी नहीं घटती है बल्कि भाजपाइयों की आबादी बढ़ गई है. वहीं, इस पूरे मुद्दे पर झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि बीजेपी के पास सांप्रदायिक मुद्दों के अलावा कुछ बचा नहीं है. देश में सबसे ज्यादा घुसपैठ असम में हो रही है.