BJP politics in Bengal-बंगाल में भाजपा के रोड शो पर पथराव:
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है। तीखी बयानबाजी के बाद आगे रहने की होड़ अब हिंसक होने लगी है। ताजा मामला कोलकाता का है। यहां सोमवार को भाजपा के रोड शो पर पथराव किया गया। इस रोड शो में केंद्रीय मंत्री देवाश्री चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी शामिल थे।
भाजपा नेताओं ने हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। बताया जाता है कि इस दौरान दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई। इस दौरान टीएमसी की महिला विंग ने भाजपा नेताओं को काले झंडे भी दिखाए। इससे पहले पश्चिम बंगाल दौरे पर गए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर तृणमूल (टीएमसी) समर्थकों ने पथराव किया था। इसमें पार्टी के कुछ नेता घायल हो गए थे।
इससे कुछ देर पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आगामी चुनाव में उसी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया, जहां से 2016 में उनके खास रहे शुभेंदु अधिकारी चुनाव जीते थे शुभेंदु हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
पूर्वी मिदनापुर स्थित नंदीग्राम को सुरेंद्र का गढ़ माना जाता है। यहां रैली के दौरान ममता ने कहा कि किसी के पाला बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। जब टीएमसी का गठन हुआ था, तब इनमें से कोई भी पार्टी के साथ नहीं था। अगर संभव हुआ तो में नंदीग्राम और भवानीपुर दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी। 19 दिसंबर को शुरभेद के साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ टिक्की और 10 एमएलए ने भी भाजपा ज्वाइन की थी।
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इनमें 5 विधायक टीएमसी के ही थे। इससे पहले तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता, दिपाली विस्वास, शुक्र मुंडा, श्यांपदा मुखर्जी, विस्वजीत कुंडू और वनश्री माइती ने पिछले महीने भाजपा ज्वॉइन की थी टीएमसी के बागी शुभेंदु अधिकारी के परिवार का नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र वाले पूर्वी मिदनापुर में वर्चस्व है। शुभेदु के पिता काँग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं।
वे यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे और अभी तृणमूल से सांसद हैं। शुरभेदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। शुभंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस परिवार का 6 जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है। ऐसे में ममता बताना चाहती हैं कि गढ़ किसी का भी हो, लेकिन चलेगी उन्हीं की। इससे पहले 14 जनवरी को बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया था कि उनके पास टीएमसी के 41 विधायकों की लिस्ट है, जो भाजपा में आना चाहते हैं।
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