राहुल गांधी ने शनिवार को बदरपुर बॉर्डर पर हरियाणा की अपनी यात्रा समाप्त करते हुए (BJP And RSS) और दिल्ली की अपनी यात्रा प्रारंभ करते हुए बदरपुर बॉर्डर पर एक मंच से लोगों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में अगर कोई चलते चलते गिरता है, तो उसको फौरन उठा लेते हैं। कल कोई गिरा था, उसको तुरंत उठा लिया। उससे यह नहीं पूछा कि तुम हिंदू हो, मुसलमान, सिख हो या ईसाई, इस यात्रा का यही मकसद है। सबको जोड़ना, प्यार बांटना, प्यार फैलाना इस यात्रा का असली मकसद है। इस यात्रा के अंदर पूरा हिंदुस्तान है, प्यार है, मोहब्बत है यह यात्रा बेरोजगारी, महंगाई डर और नफरत के खिलाफ है।
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राहुल गांधी ने कहा कि पिछले सालों में आप इनकी पॉलिसीज देख लीजिए और यूपीए की पॉलिसीज देख लीजिए। मैं आपसे पूछता हूं, इन्होंने जीएसटी से आपका डर मिटाया क्या? इन्होंने कोविड-19 में आपका डर मिटाया क्या? जब किसानों की कर्ज माफी नहीं होती है, तो उनका डर मिटता है क्या? उन्होंने नोटबंदी से आपका डर मिटाया? बेरोजगारी से आपका डर मिटा क्या? तो वर्तमान सरकार की सारी की सारी पॉलिसी डर बढ़ाने की हैं, मिटाने की नहीं है। यह लोग चाहते हैं कि किसान, मजदूर, युवा सब के दिल में डर हो।
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BJP And RSS – क्योंकि यह लोग इस डर को ही नफरत में बदलते हैं। अंत में राहुल गांधी ने कहा कि आप सोचो जब आपको डर लगता है, तभी आपके दिल में नफरत पैदा होती है। यही आरएसएस के लोग करते हैं। डर पैदा करते हैं, फिर नफरत फैलाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम कन्याकुमारी से चलकर यहां तक आ गए, आप लोगों ने हमें शक्ति दी है। आप लोगों की वजह से आप लोगों के प्यार की वजह से हमें शक्ति मिली। मैं कहना चाहूंगा कि हर राज्य के हर जगह के लोगों ने मुझे खूब प्यार दिया और दिल्ली बॉर्डर आते ही आप लोगों का अपार समर्थन और प्यार मिला है। उसका भी मैं बहुत धन्यवाद करता हूं।