उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का तहखाना धनतेरस पर खुल गया है. 54 साल बाद मंदिर का तहखाना खुला है. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट की (Banke Bihari’s treasury will open) ओर से गठित की गई कमेटी के 11 सदस्यों की मौजूदगी में ये तहखाना खुला है. तहखाने से निकले हर सामान की लिस्ट भी तैयार की जाएगी.

Banke Bihari’s treasury will open  – 54 साल बाद श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के तहखाने का राज खुल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि तहखाने के अंदर से हीरे-जेवरात और सोना-चांदी निकल सकता है. द्वार खुलने के बाद अब गैस बाहर निकाली जा रही है. 1971 में इससे पहले मंदिर का तहखाना खोला गया था और फिर सील कर दिया गया था, तब से लेकर ये तहखाना बंद था.

कौन करता है तहखाने की रक्षा?

1971 के बाद 1990 में इस तहखाने को खोलने की कोशिश की गई थी, लेकिन उस समय ये तहखाना नहीं खुल पाया था. ऐसी मान्यता है कि तहखाने की रक्षा खुद शेषनाग करते हैं. जिस कमेटी की मौजूदगी में ये तहखाना खुला है, उसमें रिटायर्ड जज अशोक कुमार, सिविल जज जूनियर डिवीजन के निर्देशन शिप्रा दुबे, नगर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, मंदिर के अकांउटिंग ऑफिसर के अलावा एसएसपी, एएसपी, जिलाधिकारी, बांके बिहारी मंदिर के चार गोस्वामी शामिल हैं.

तहखाने में 160 साल पुराना खजाना

बताया जा रहा है कि बांके बिहारी मंदिर के तहखाने में करीब 160 साल पुराना खजाना रखा हुआ है. अब ये तहखाना खुल रहा है तो भक्तों को ये जानने की एक्साइटमेंट है कि मंदिर के अंदर कितना खजाना निकलेगा. इसके साथ ही तहखाने में रखे सामान की कीमत आज के समय में कितनी होगी, ये जानने की भी काफी एक्साइटमेंट है.  

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