राजस्थान का चित्तौड़गढ़ विज्ञान, संस्कृति और ऐतिहासिक विविधता का अद्भुत संगम है. यहां रावतभाटा कस्बा है, जहां पर परमाणु ऊर्जा की सात इकाइयां हैं, जिनसे बिजली का उत्पादन होता है. रावतभाटा में विज्ञान और वैज्ञानिकों के प्रति सम्मान हर जगह दिखाई देता है. यहां की सड़कों, आवासीय कॉलोनियों, और (Atomic Bhabha Nagar) सार्वजनिक स्थानों का नाम परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान देने वाले महान वैज्ञानिकों के नाम पर रखा गया है.

डॉ. होमी जहांगीर भाभा और डॉ. विक्रम साराभाई जैसे दिग्गजों के नाम पर यहां की कॉलोनियों के नाम हैं, जैसे कि विक्रम साराभाई कॉलोनी और भाभा नगर. यहां का पोस्ट ऑफिस भी डॉ. होमी जहांगीर भाभा के नाम पर है, जो न केवल जागरूकता फैलाता है, बल्कि भावी पीढ़ियों को प्रेरित भी करता है.

रावतभाटा में संचालित परमाणु संयंत्र देश का दूसरा सबसे बड़ा संयंत्र है, जिसकी शुरुआत 1974 में हुई थी. इसके बाद लगातार उत्पादन इकाइयों में वृद्धि की गई, जिससे यह आज भारत के परमाणु ऊर्जा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वर्तमान में, यहां न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स भी बन रहा है, जो देश में दूसरा और एशिया का सबसे बड़ा परमाणु ईंधन उत्पादक संयंत्र होगा.

Atomic Bhabha Nagar – रावतभाटा को यहां के लोग ‘मिनी इंडिया’ कहते हैं. देश के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां आकर बसे हैं और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में काम करते हैं. न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन के माध्यम से संचालित होने वाली इस इकाई में देश के कोने-कोने से लोग आए हैं और विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं. इस वजह से, यहां विभिन्न राज्यों की परंपराओं और संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है.यह शहर प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, जो इसे और भी खास बनाता है।

Share.
Exit mobile version