ऋषिकेश : असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्वा सरमा और उनकी (Assam CM In Rishikesh) धर्मपत्नी रिनिकी भूया ने रविवार को उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और अन्तरराष्ट्रीय महासचिव जीवा साध्वी भगवती सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान दोनों के बीच बार्डर टूरिज्म, जैविक खेती, पौधरोपण, फलदार पौधों के रोपण, उत्तराखंड व असम की धरती पहाड़ों की धरती है। इस पर पौधरोपण व जल संरक्षण के क्षेत्र में किये जाने वाले प्रयोगों व शोधों पर चर्चा भी हुई। स्वामी ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि असम की धरती पर लाखों की संख्या में पौधरोपण कर एक मिसाल कायम कर रहे हैं।
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Assam CM In Rishikesh – स्वामी चिदानन्द ने कहा कि भारत सरकार, असम और उल्फा के साथ त्रिपक्षीय शान्ति समझौता ऐतिहासिक शांति समझौता है। यह वास्तव में असम और पूर्वाेत्तर राज्यों के लिये नए युग की शुरुआत है। इससे न केवल असम में सांस्कृतिक विरासत व शान्ति बनी रहेगी बल्कि पूरे भारत में भी शान्ति की स्थापना होगी क्योंकि शान्ति है तो समृद्धि है। अगर सभी शान्ति बनाए रखेंगे तो असम से आसमान की ओर बढ़ेंगे क्योंकि यह समाज के लिये बहुत जरूरी है। स्वामी ने गंगा के तट से आह्वान किया कि आइए मिलकर करें समस्याओं का समाधान और असम को प्रगति के आसमान की ओर ले चलें।
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स्वामी और साध्वी ने मुख्यमंत्री असम हिमन्त बिश्वा सरमा और उनकी धर्मपत्नी रिनिकी भूया सरमा को रुद्राक्ष की दिव्य माला, रुद्राक्ष का पौधा और श्री गणेश की प्रतिमा और परमार्थ निकेतन का सद्साहित्य भी भेंट किया। स्वामी ने कहा कि आज वर्ष 2023 का अन्तिम दिन है, यह समय आत्मनिरिक्षण का है कि वर्ष के प्रारम्भ में हमने जिस ऊंचाई, सच्चाई और सफाई तक पहुंचने का संकल्प लिया था क्या हमने उसे पा लिया? क्या हम उस रास्ते पर पहुंचने के पास भी हैं? नव वर्ष में एक नई सोच व संकल्प के साथ बढ़ें।