जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हजरतबल दरगाह में बीते शुक्रवार को ईद-ए-मिलाद के मौके पर अशोक स्तंभ वाली एक नवनिर्मित शिलापट्ट को कुछ लोगों ने तोड़ दिया. जिसके बाद विवाद उत्पन्न हो गया है. इस (Action on breaking Ashoka sign) बीच पुलिस ने हमले के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
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अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच जारी है और जो इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने तोड़फोड़ की निंदा की और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विरोध प्रदर्शन को भड़काया और पार्टी पर लोगों को धार्मिक पवित्रता और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया.
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Action on breaking Ashoka sign – वहीं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न पट्टिका लगाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी चिह्नों का इस्तेमाल धार्मिक संस्थानों में नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों के अंदर इस तरह के प्रतीक चिन्ह लगाने का कोई पूर्व उदाहरण नहीं है. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मुझे उस पत्थर पर प्रतीक चिन्ह लगाना चाहिए था या नहीं. मैंने किसी भी धार्मिक संस्थान या किसी समारोह में ऐसा प्रतीक चिन्ह इस्तेमाल होते नहीं देखा’.