दिल्ली नगर निगम वार्ड परिसीमन के तरीके को आप ने (AAP Objected) अतार्किक और राजनीति से प्रेरित बताया है। आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग की ड्राफ्ट परिसीमन पर अपनी आपत्ति और सुझाव सौंपे हैं। इस दौरान आप विधायक सौरभ भारद्वाज, एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक समेत अन्य मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से निगम चुनाव जल्द कराने की भी मांग की।

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दुर्गेश पाठक ने कहा कि आज हमलोग एमसीडी चुनाव को लेकर परिसीमन आयोग से मिले। दिल्ली में जो वार्ड बनाए गए हैं, वहां कहीं पर 90-95 हजार वोट हैं और कहीं 30 हजार। समस्या यह है कि हर वार्ड के लिए एक निश्चित फंड राशि आती है। ऐसे में जहां आबादी अधिक है, वहां विकास कार्य प्रभावित होगा। पार्टी ने कहा कि अगर आबादी को बचे वार्ड में बराबर बांटकर फिर एक वार्ड खत्म किया जाता तो वार्ड के अंदर आबादी को लेकर इतना बड़ा अंतर नहीं आता।

AAP Objected – पार्टी का कहना है कि राज्य चुनाव आयोग की ओर से 2011 की जनगणना जनसंख्या आंकड़ों को परिसीमन का आधार बनाया गया है। उसके अनुसार दिल्ली की आबादी 1.64 करोड़ से अधिक है। इसका मतलब दिल्ली के 250 वार्डों की औसत जनसंख्या 65,674 होनी चाहिए। वर्तमान परिसीमन मसौदे ने असमानता की स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें वार्डों के जनसंख्या उसके क्षेत्रफल में अंतर है। उदाहरण के लिए मयूर विहार फेज-1 वार्ड में आबादी 93,381 है, जबकि चांदनी चौक में 35,509 है। पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रत्येक वार्ड के लिए समान फंड दिया जाता है, जबकि इन वार्डों में जनसंख्या 35 हजार से 90 हजार तक है।

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आप का कहना है कि कम आय वाले वार्डों में आबादी बढ़ाकर उन्हें अंधेरे में धकेला गया है। उदाहरण के तौर पर ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र में सीआर पार्क, ग्रेटर कैलाश और चिराग दिल्ली तीन वार्ड हैं। वार्डों की संख्या ज्यों की त्यों है, जबकि एरिया को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। परिसीमन से पहले वार्डों की आबादी 60 हजार थी। ग्रेटर कैलाश-1 वार्ड की आबादी 59,633 थी, लेकिन अब इसे घटाकर 45,174 कर दिया गया।

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