नई दिल्ली : प्रदूषण का स्तर खराब होने के साथ ही परिवहन विभाग प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े कदम उठाने के लिए सक्रिय हो गया है। गाड़ियों के धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए विभाग ने दो दिन पहले प्रवर्तन यूनिट की 60 से ज्यादा टीमों को अलग-अलग जगहों पर तैनात कर दिया है। ताकि जिन गाड़ियों के पास अधिकृत प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं हैं, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सके। दिल्ली में पंजीकृत 23 लाख से ज्यादा गाड़ियां ऐसी हैं, जिनके पीयूसी
प्रमाणपत्र अमान्य हो चुके हैं। ऐसे (Without PUC) लोगों के खिलाफ विभाग ने अब कार्रवाई शुरू कर दी है।
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विभाग की टीमें दो पहिया और चार पहिया वाहनों की भी जांच करने जा रही हैं। विभाग ने इसके भी निर्देश दे दिए हैं। परिवहन विभाग ने उन सभी वाहन चालकों को एसएमएस के जरिए नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जिनके पीयूसी की वैधता खत्म हो चुकी है। ऐसे लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि अगर उन्होंने हफ्ते भर के अंदर अपने वाहन की पीयूसी जांच करवा के पीयूसी प्रमाणपत्र का नवीनीकरण नहीं कराया, तो फिर उन्हें 10-10 हजार रुपये के जुर्माने के चालान भेजे जाएंगे। परिवहन विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इनमें से कितनी गाड़ियां ऐसी हैं, जो वास्तव में बिना पीयूसी के सड़कों पर चल रही हैं।
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Without PUC – सबसे पहले ऐसी ही गाड़ियों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि ऐसे लोग अगर अपनी गाड़ियों में पेट्रोल भराने के लिए जाएं, तो उनके खिलाफ वहीं पर एक्शन लिया जा सके। परिवहन विभाग के अनुसार जिन 23 लाख गाड़ियों के पीयूसी प्रमाणपत्र की उम्र पूरी हो चुकी है, उनमें से करीब 19 लाख दो पहिया हैं, जबकि साढ़े तीन लाख चार पहिया और बाकी अन्य व्यावसायिक वाहन हैं।