नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने (Neither Direction Nor Plan) कहा है, कि वर्तमान सरकार किस तरह बिना किसी दिशा और योजना के काम कर रही है, इसका उदाहरण नांगलोई के पास बक्करवाला में करोड़ों रुपए की लागत से बनी बिल्डिंग है। सरकारी रिकॉर्ड्स में यह बिल्डिंग आईटीआई है लेकिन बिना किसी प्रस्ताव और स्वीकृति के सरकार ने इसे टीचर्स यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग करार दे दिया। न यहां आईटीआई खुली और न ही टीचर्स यूनिवर्सिटी। इस बिल्डिंग को बने डेढ़ साल हो गया है। अब इसकी हालत खस्ता होती जा रही है लेकिन केजरीवाल सरकार को अपनी राजनीति से फुरसत नहीं है।
इसे भी पढ़ें – सफाई व्यवस्था में लापरवाही देखकर नाराज हुईं मेयर, एएसआई को किया सस्पेंड
Neither Direction Nor Plan – बिधूड़ी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि सरकारी रिकॉर्ड में आज तक यह बिल्डिंग आईटीआई बक्करवाला के नाम से दर्ज है और पीडब्ल्यूडी ने इसे आईटीआई के नाम से ही बनाया था लेकिन जून 2022 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बिना किसी प्रस्ताव और मंजूरी के इसे दिल्ली सरकार की टीचर्स यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग घोषित कर दिया था। इस बारे में पीडब्ल्यूडी को शिक्षा विभाग की तरफ से कोई पत्र तक नहीं लिखा गया। अब हालत यह है कि इस बिल्डिंग का वारिस कौन है, किसीको पता नहीं है।
इसे भी पढ़ें – उत्तर पूर्व दिल्ली में सड़क दु्र्घटना में एक व्यक्ति की मौत, चार घायल
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार के निकम्मेपन का यह एक उदाहरण ही नहीं है। बवाना, नांगलोई, सावदा और अन्य स्थानों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 38 हजार फ्लैट केंद्र सरकार की मदद से बनाए गए थे लेकिन दिल्ली सरकार आज तक यह भी तय नहीं कर पाई कि उन्हें कैसे अलॉट किया जाना है। पिछली सीएजी रिपोर्ट में कहा गया था कि ये मकान बहुत जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं और अब दिल्ली सरकार इनकी मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए केंद्र सरकार से और मांग रही है।