नई दिल्ली : दिल्ली शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा दावा किया है। ED ने चार्जशीट में दावा किया है कि दिल्ली की रद्द की गई आबकारी नीति में कथित रूप से ली गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के एक हिस्से का इस्तेमाल आप ने गोवा विधानसभा चुनाव (Delhi Liquor Scam Money) में किया था। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि एजेंसी की ओर से दायर किए गए मामले फर्जी हैं और इनका उद्देश्य सरकारों को गिराना या बनाना है।
इसे भी पढ़ें – दिल्ली : ऑनलाइन गेम धोखाधड़ी मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार
Delhi Liquor Scam Money – संघीय जांच एजेंसी ने छह जनवरी को एक विशेष अदालत में दायर अपने आरोप पत्र में यह भी आरोप लगाया कि सिसोदिया उन लोगों में शामिल थे, जो अपनी पहचान छिपाने के लिए “दूसरे व्यक्ति के नाम से खरीदे गए” मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोपपत्र में कहा गया कि ऐसे उदाहरण हैं जिनमें आरोपियों/संदिग्धों ने अन्य व्यक्तियों के नाम पर जारी किए गए सिम कार्ड और अन्य व्यक्तियों के नाम से खरीदे गए फोन का उपयोग किया है ताकि पकड़े जाने पर वे यह बहाना बना सकें कि या तो सिम कार्ड उनके नाम पर नहीं है या फोन उनके द्वारा नहीं खरीदे गए और ये अन्य व्यक्तियों के हैं।
इसे भी पढ़ें – LG पर भड़के सिसोदिया, कहा-अपने अधिकारों का कर रहे दुरूपयोग
दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लिया और आरोपियों को 23 फरवरी को तलब किया। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी ने ‘फेसटाइम (आईफोन पर एक वीडियो कॉलिंग सुविधा) के माध्यम से समीर (महेंद्रू) और अरविंद केजरीवाल के लिए एक वीडियो कॉल की व्यवस्था की, जहां अरविंद ने समीर से कहा कि सहयोगी ‘उनका लड़का’ है और समीर को उस पर भरोसा करना चाहिए तथा उसके साथ आगे बढ़ना चाहिए।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ईडी के आरोपपत्र की सामग्री को खारिज करते हुए कहा, ‘मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इसने 5,000 आरोपपत्र दायर किए हैं।’