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    Home » यूपी की 17 पिछड़ी जातियों को मिलेगा SC का दर्जा, अगले सत्र में प्रस्‍ताव पास कराने की तैयारी में योगी सरकार

    यूपी की 17 पिछड़ी जातियों को मिलेगा SC का दर्जा, अगले सत्र में प्रस्‍ताव पास कराने की तैयारी में योगी सरकार

    September 3, 2022 उत्तर प्रदेश 3 Mins Read
    Proposal For Reservation
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    यूपी की बीजेपी सरकार जल्द ही 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण (Proposal For Reservation) देने पर फैसला करने जा रही है। इसके लिए पूरी विधिक कार्यवाही नए सिरे से करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार इसके लिए विधानसभा के आगामी मानूसन सत्र में इन जातियों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पास कर सकती है, जिसे संसद के दोनों सदनों से पारित करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।वहीं यह भी विचार है कि रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा मझवार और भर की जातियों को ठीक से परिभाषित कर सभी राज्यों को उनकी सभी उपजातियों को एससी के दायरे में शामिल करने के लिए अधिसूचित कर दिया जाए। कारण यह कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में ये जातियां अनुसूचित जाति की श्रेणी में पहले से हैं।

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    इसी मद्देनज़र हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में लंबित विभिन्न मामलों में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए अधिसूचनाओं को रद्द करवा दिया गया है ताकि कोई कानूनी अड़चन न रहे। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ए नारायण स्वामी ने बीती 26 जुलाई को पत्र भेज कर इस संबंध में सकारात्मक सहमति जताई है।संजय का दावा है कि 1950 से पहले मझवार और भर जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में होने की वजह से लाभ मिलता था लेकिन बाद के वर्षों में उत्तर प्रदेश में इन जातियों को ओबीसी की जातियों की सूची में डाल दिया गया।

    Proposal For Reservation – आने वाले कुछ दिनों में सरकार और भाजपा की यह रणनीति साफ हो जाएगी। दरअसल, पार्टी संगठन के बड़े सूत्रों और राज्य सरकार के अधिकारियों की मानें तो तय किया गया है कि लंबे समय से संघर्ष कर रही 17 जातियों को अनुसूचित जाति जनजाति की श्रेणी में शामिल करते हुए उन्हें आरक्षण के साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाएं। यूपी में इसके लिए दो बार हुए सर्वे में भी इन जातियों को आर्थिक व सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़ा बताते हुए अनुसूचित जाति जन जाति में शामिल होने के लिए उपयुक्त माना गया है।

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    दरअसल, भाजपा मिशन-2024 के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने में जुट गई है। ओबीसी की इन 17 जातियों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी और मछुआ जातियां को अलग से आरक्षण का लाभ न देने के मुद्दे पर ही भाजपा से बीते विधानसभा चुनाव में अलग हुए ओपी राजभर को भी भरोसा दिलाया जा रहा है कि इसे जल्द अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।ओबीसी को बड़े पैमाने पर साथ लेने के बाद ही वर्ष 2017 में पार्टी ने सहयोगी संगठनों के साथ 325 सीटें हासिल की थीं। इस लिहाज से मिशन-2024 में 80 सीटें पाने के लिए ही भाजपा की राज्य व केंद्र सरकार एक बार फिर ओबीसी पर ही दांव लगाने की तैयारी में है। इन जातियों को विधानसभा चुनाव 2022 से पहले आरक्षण न देने के कारण पार्टी को सियासी नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी।

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