पहलगाम आतंकी हमला और इसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी दिख रही थी, लेकिन पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की घोषणा के बाद कांग्रेस का रुख आक्रामक हो (somewhere eyes and targets somewhere) गया है. कांग्रेस ने सीजफायर में अमेरिका की भूमिका पर फोकस करते हुए युद्धविराम का विवरण मांगा और मोदी सरकार से देश को विश्वास में लेने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग रख दी है. कांग्रेस भले ही अमेरिका की मध्यस्थता वाले दावे को लेकर निशाना बना रही हो, लेकिन उसकी निगाहें कहीं और हैं.
भारत-पाकिस्तान के युद्धविराम पर कांग्रेस ने यूं ही आक्रामक तेवर नहीं अपना रखा है बल्कि 2016 और 2019 में सियासी कहानी छिपी हुई है. मोदी सरकार में 2016 में उरी अटैक के बाद पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक के जरिए आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया था, इसका लाभ बीजेपी को मिला था. इसी तरह ऑपरेशन सिंदूर के लेकर सियासी एजेंडा सेट किए जाने लगा है.