बिहार के भागलपुर जिले में स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एक हैरानी भरा मामला सामने आया है. यहां एक स्टाफ नर्स 3 साल तक घर पर बैठकर आराम करती (nurse sitting at home) रही. यही नहीं इस दौरान उसने बिना काम के वेतन भी लिया. घर पर बैठकर वेतन लेनी वाली स्टाफ नर्स का नाम प्रतिमा कुमारी है.
nurse sitting at home – प्रतिमा की तैनाती अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग में थी. उसने सबसे पहले 6 मार्च 2022 को ईएल यानी अर्न लीव अप्लाई की थी. इसके बाद वो 13 मार्च 2022 से छुट्टी पर चली गई. फिर कभी नर्स अस्पताल नहीं आई. इस दौरान उसने 37 बार अवकाश के लिए अप्लाई किया, जिसमें उसने हर बार तीन-तीन हफ्तों का अवकाश मांगा.
छुट्टी पर रही और लिया 28 लाख रुपये का वेतन
हालांकि नियम ये कहता है कि एक साल में एक कर्मचारी अधिकतम 31 दिन की ईएल ले सकता है, लेकिन स्टाफ नर्स प्रतिमा कुमारी ने नियमों को ठेंगा दिखाया और तीन सालों तक अवकाश पर रहकर भी करीब 28 लाख रुपये का वेतन लिया. जांच में यह भी यह भी पता चला है कि इस दौरान उसे हर साल इंक्रीमेंट भी दिया गया. साल 2024 में डॉ. राकेश कुमार ने उसका इंक्रीमेंट पत्र जारी किया. हालांकि नर्स को जो इंक्रीमेंट दिया गया उसका लाभ उसे अभी नहीं मिला है.
दो जगह लगती है अटेंडेंस फिर भी बनता रहा वेतन
बता दें कि अस्पताल में काम करने वाली सभी नर्सों की एटेंडेंस कार्यालय के बाहर बायोमेट्रिक पर अस्पताल अधीक्षक द्वारा लगाई जाती है. फिर नर्सें अपने विभाग में जाकर अपनी एटेंडेंस लगाती हैं. ऐसे में सैलरी बनाने से पहले दोनों अटेंडेंस मिलाई जाती हैं. कौन छुट्टी और कौन नहीं ये भी देखा जाता है, लेकिन इसके बाद भी तीन साल तक नर्स प्रतिमा अवकाश पर रहकर सैलरी लेती रही. ऐसा बिना किसी की मिली भगत के संभव नहीं हो सकता.