उत्तर प्रदेश से आगरा में एक महिला की पांच बार नसबंदी करवाई गई. फिर भी ढाई साल में वो 25 बार प्रेग्नेंट हुई. सुनने में यह अजीब लग रहा है ना? ऐसा एक मामला उत्तर प्रदेश के आगरा से (5 times sterilization) सामने आया है. लेकिन जब इसकी असलियत सामने आई तो हर कोई सन्न रह गया.
5 times sterilization – यह चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी फतेहाबाद का नियमित ऑडिट कराया. ऑडिट टीम जैसे-जैसे दस्तावेजों की जांच करती गई, वैसे-वैसे उनके होश उड़ते चले गए. एक ही नाम की महिला की रिकॉर्ड में 25 बार डिलीवरी और पांच बार नसबंदी करना दिखाया गया. इतना ही नहीं, इस महिला के खाते में कुल 45,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए थे, वो भी सरकारी योजनाओं के नाम पर.
दोषियों पर होगा एक्शन
जब यह मामला ऑडिट टीम के सामने आया, तो उन्होंने तुरंत ही सीएमओ आगरा डॉ. अरुण श्रीवास्तव को इसकी सूचना दी. डॉ. श्रीवास्तव खुद मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए. उन्होंने कहा, यह जांच की जाएगी कि यह तकनीकी गलती है या कर्मचारियों की मिलीभगत से किया गया घोटाला है. यदि कोई दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
कैसे हुई ये धांधली?
राज्य सरकार की ओर से दो प्रमुख योजनाएं चलाई जाती हैं. जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना. इन योजनाओं के तहत जननी सुरक्षा योजना में प्रसव के बाद महिला को ₹1400 और प्रेरणा देने वाली आशा कार्यकर्ता को ₹600 दिए जाते हैं. नसबंदी के बाद महिला को ₹2000, और आशा को ₹300 मिलते हैं. यह पूरी राशि महिला के खाते में सीधे 48 घंटे के भीतर ट्रांसफर कर दी जाती है. इन दोनों योजनाओं की आड़ में ही यह बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया. एक महिला को बार-बार डिलीवरी के नाम पर दिखाया गया, फिर बार-बार नसबंदी कराई गई, और हर बार सरकारी धन का भुगतान कर दिया गया. इस तरह करीब 45,000 रुपये की सरकारी धनराशि का गबन कर लिया गया.