कालों के काल बाबा महाकाल के दरबार में सबसे पहले होलिका दहन किए जाने के साथ ही इस उत्सव की शुरुआत धूमधाम से होती है, यह उत्सव इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस (Mahakal temple new guidelines will be released) उत्सव के साथ ही बाबा महाकाल के मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में बदलाव होता है और बाबा महाकाल गर्म जल के स्थान पर ठंडे जल से स्नान करना शुरू कर देते हैं. महाकालेश्वर मंदिर में होली पर्व को लेकर विशेष तैयारी जारी है.
Mahakal temple new guidelines will be released – इस भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश को जहां सीमित कर दिया गया है. वहीं, यह गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है कि होली पर सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान गुलाल का उपयोग कम से कम हो और यह गुलाल भी प्राकृतिक उत्पादों से तैयार होने के साथ ही श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के माध्यम से ही पुजारियों तक पहुंचे. विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष की तरह ही इस वर्ष भी सबसे पहले फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को श्री महाकालेश्वर मंदिर परिक्षेत्र में होलिका दहन किया जाएगा.
पिछले साल हो गया था हादसा
इस दौरान मंदिर के पुजारी होलिका का पूजन अर्चन करने के साथ ही पूर्ण विधि विधान के साथ होली का उत्सव मनाएंगे और इसके अगले दिन 14 मार्च को सुबह 4 बजे फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर बाबा महाकाल को भस्म आरती में गुलाल अर्पित किया जाएगा. याद रहे कि पिछले वर्ष होली पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में एक बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें अचानक लगी आग के कारण कई पुजारी झुलस गए थे और एक की मौत भी हो गई थी.
होली को लेकर गाइडलाइन जारी
इस साल प्रशासन ने इस प्रकार की घटना की कोई पुनरावृत्ति ना हो इसको देखते हुए गाइडलाइन जारी की है. श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस साल होली पर सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में सीमित मात्रा में ही श्रद्धालुओं को एंट्री दी जाएगी. मंदिर के कर्मचारी इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे की गुलाल का उपयोग कम से कम हो साथ ही पुजारियों को भी प्राकृतिक उत्पादों से तैयार हर्बल गुलाल मंदिर समिति के द्वारा ही उपलब्ध कराई जाएगी.
महाकाल अब ठंडे जल से करेंगे स्नान
ऐसा माना जाता है कि चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि से गर्मी की शुरुआत हो जाती है. विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी इसी दिन से बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान करवाया जाता है. श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल को गर्म और ठंडे जल से स्नान करने की परंपरा में वर्ष में दो बार बदलाव किया जाता है. इस साल भी क्षेत्र कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि 15 मार्च से बाबा महाकाल ठंडे जल से स्नान करेंगे.
आरती के समय में हुआ बदलाव
इसके साथ ही मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में भी बदलाव होगा. अभी भस्म आरती प्रतिदिन सुबह 4 बजे होती है. जिसके समय मे कोई बदलाव नही होगा, लेकिन उसके बाद होने वाली बाल भोग आरती अब 7.30 के स्थान पर सुबह 7:00 बजे, भोग आरती सुबह 10.30 के स्थान पर सुबह 10 बजे, संध्या पूजन शाम 5 बजे और संध्या आरती शाम 7 बजे के साथ शयन आरती रात 10:30 बजे होगी.