हिंसक झड़प के बाद मणिपुर में अब भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. कुकी-जो समुदाय के अनिश्चितकालीन बंद के बीच रविवार को भी स्थिति तनावपूर्ण रही. बंद के चलते जनजीवन प्रभावित रहा. इलाके में शांति के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती गई है. शनिवार को मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई थी. कांगपोकपी (deployment of additional security forces) जिले में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई थी. इस झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें उस समय हुईं, जब पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. स्थिति तब और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने निजी वाहनों में आग लगा दी. गमगीफई, मोटबंग और कीथेलमनबी में सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए. उन्हे इलाज के लिए पास के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.
फ्री मूवमेंट शुरू करने के आदेश का विरोध
ये प्रदर्शकारी मणिपुर में फ्री मूवमेंट के आदेश का विरोध कर रहे थे. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने 1 मार्च को सुरक्षा बलों को मणिपुर में सभी मार्गों पर फ्री मूवमेंट शुरू करने का निर्देश दिया था और इसमें बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही थी. रास्ते खुलते ही मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई. केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.
deployment of additional security forces – कुकी जो परिषद ने शनिवार आधी रात से कुकी-जो के सभी इलाकों में अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है. कुकी-जो परिषद ने सरकार से तनाव और हिंसक टकराव को और बढ़ने से रोकने के लिए अपने रुख पर पुनर्विचार करने की अपील की है. परिषद ने यह भी कहा है हम बफर जोन में मैइती लोगों की मुक्त आवाजाही की गारंटी नहीं दे सकते और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी नहीं ले सकते.
3 मई 2023 से जारी है छिटपुट हिंसा
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को राज्य के लोगों से सात दिनों के भीतर लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सौंपने का आग्रह किया था. उन्होंने ये भी कहा था कि तय समय में हथियार सौंपने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. मणिपुर में 3 मई 2023 में दो समुदायों के बीच जो जातीय हिंसा भड़की थी, उसकी लपटें आज भी समय समय पर देखने को मिल रही है. हिंसा में अभ तक 250 से अधिक लोग मारे गए है जबकि हजारों लोग बेघर हो गए.