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    Home » संभल में मस्जिदों से उतारे लाउडस्पीकर, कैसे पहुंचे सेहरी-इफ्तार की आवाज? मुसलमानों ने निकाला ये तरीका

    संभल में मस्जिदों से उतारे लाउडस्पीकर, कैसे पहुंचे सेहरी-इफ्तार की आवाज? मुसलमानों ने निकाला ये तरीका

    March 4, 2025 उत्तर प्रदेश 3 Mins Read
    how did loudspeakers be removed from mosques
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    उत्तर प्रदेश का संभल, शाही जामा मस्जिद विवाद के बाद से सुर्खियों में बना हुआ है. अब नई चर्चा रमजान महीने में सेहरी और इफ्तार के वक्त होने वाले ऐलान को लेकर है. पूरे प्रदेश में धार्मिक (how did loudspeakers be removed from mosques) स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ अभियान चल रहा है. संभल में भी इसका पालन हो रहा है. यहां मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारा जा चुके हैं. कुछ पुलिस ने अभियान के दौरान तो कई जिम्मेदारों खुद लाउडस्पीकर उतार दिए. ऐसे में रमजान के महीने में रोजेदारों को सेहरी और इफ्तार के वक्त का ऐलान करने के लिए मस्जिदों न के इमाम और मोअज्जन ने अनोखो तरकीब निकाली है.

    how did loudspeakers be removed from mosques – रमजान के महीने में मुस्लिम रोजा रखते हैं. इसके लिए वह सुबह सूरज निकलने से पहले जल्दी उठकर सेहरी करते हैं, फिर दिनभर बिना कुछ खाए-पिए शाम में सूरज छिपते ही इफ्तार करते हैं. इसके लिए रोजा रखने वाले मुसलमान मस्जिदों से होने वाले सेहरी और इफ्तार के वक्त के ऐलान का इंतजार करते हैं. इस बार मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरने से रोजेदारों को न तो ऐलान और न ही अजान की आवाज सुनाई दे रही है.

    ऐलान लिए निकाला गजब का आइडिया

    रमजान के महीने में संभल में मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरने के बाद अजान और सेहरी-इफ्तार का वक्त बताने के लिए मस्जिद के जिम्मेदारों ने गजब का आइडिया निकाला है. सुबह सेहरी के वक्त शहर की मस्जिदों की छत से मस्जिद के इमाम, मोअज्जन या अन्य कोई जिम्मेदार व्यक्ति ऐलान लगा रहे हैं. सुबह की खमोशी में उनकी आवाज खूब गूंजती है, जिसे सुनकर रोजा रखने वाले लोग जाग रहे हैं और समय पर सेहरी कर रोजा रख रहे हैं. इसके अलावा कई जिम्मेदार मुस्लिम इलाकों में जाकर उन्हें ढोल या अन्य संसाधनो के जरिए उठा देते हैं.

    छत से दी जा रही अजान, बताया जा रहा सेहरी-इफ्तार का वक्त

    मस्जिदों की छत से पांचों वक्त की अजान दी जा रही है. शाम होते ही यहीं से इफ्तार का ऐलान किया जाता है. मस्जिदों के जिम्मेदारों की इस पहल से रोजा रखने वाले रोजेदारों को काफी सहूलियत मिल रही है. इसको लेकर संभल के रहने वाले इस्लामिक धर्मगुरु मुफ्ती मौलाना नूरी रजा ने कहा है कि यहां का मुसलमान यूपी सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं. उन्हें इस आदेश पर कोई आपत्ति नहीं है. वह कहते हैं कि रमजान का महीना चल रहा है. सेहरी, अफ्तार और नमाज के वक्त मस्जिदों की छतो से खड़े होकर अजान से किसी को कोई परेशानी नहीं है.

    सभी कर रहे कानून का पालन- मौलाना नूरी

    मुफ्ती मौलाना नूरी रजा कहते हैं कि प्रदेश सरकार का आदेश है कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर ना बजे, जिस पर पब्लिक और धार्मिक स्थल के धर्मगुरु पालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार का आदेश है कि 55 डेसिमल से ज्यादा तेज की आवाज न हो इसका धर्मगुरु और धर्म स्थलों से पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि लोग अपने धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर उतर कर खुद पुलिस को दे रहे हैं. वह कहते हैं कि यह अच्छी बात है, कानून सबसे बड़ा है और कानून के लिए ही जो संविधान है उसका पालन करना हर किसी व्यक्ति का कर्तव्य है.

    ‘इंसानियत सबसे बड़ा धर्म’

    मुफ्ती मौलाना नूरी रजा कहते हैं कि इस दुनिया में इंसानियत सबसे बड़ा रिश्ता है. कोई भी इंसानियत ना भूलें. हर कोई अपने-अपने धर्म के हिसाब से त्योहार और बाकी आयोजन मनाएं, लेकिन इंसानियत के दामन पकड़े रहिए. वह कहते हैं कि धर्म अपनी जगह और इंसानियत सबसे सर्वोपरि है. अगर इंसानियत है तो फिर कोई विवाद नहीं होगा.

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