जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने प्रदेश के आम लोगों के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को (big relief in toll tax for tourists) निर्देश दिया है कि जब तक लखनपुर से लेकर उधमपुर तक नेशनल हाईवे का काम पूरा नहीं हो जाता और जब तक यहां ट्रैफिक पूरी तरह से सुचारू नहीं हो जाती, वाहन चालकों से लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर कुल टोल टैक्स का सिर्फ 20 प्रतिशत टोल टैक्स ही वसूल किया जाए.
big relief in toll tax for tourists – हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान व जस्टिस एमए चौधरी ने त्रिकुटा नगर निवासी सुगंधा साहनी की ओर से दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान उक्त निर्देश दिए.
सुगंधा साहनी की ओर से पांच फरवरी को यह जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर उस दिन बेंच ने कोई फैसला नहीं लिया और शुक्रवार को इस जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया व प्रदेश प्रशासन को उक्त निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू करने की हिदायत दी.
टोल प्लाजा टैक्स को लेकर कोर्ट ने दिए ये आदेश
जनहित याचिका में एनएचएआइ के उस आदेश को भी चुनौती दी गई, जिसमें अथॉरिटी ने 26 जनवरी 2024 से ठंडी खुई टोल प्लाजा बंद होने के बाद लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर लगने वाले टैक्स को दोबारा निर्धारित करने का फैसला लिया था. हाईकोर्ट ने इस आदेश को भी एक सप्ताह के भीतर वापस लेने का निर्देश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि जब-तक लखनपुर से उधमपुर तक नेशनल हाईवे निर्माण पूरा नहीं होता और ट्रैफिक सुचारू नहीं होती, तब-तक लखनपुर व बन टोल प्लाजा में 26 जनवरी 2024 से पूर्व जो टोल टैक्स था, उसका सिर्फ 20 प्रतिशत टैक्स वसूल किया जाए.
हाईकोर्ट ने कहा कि नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक सुचारू होने का एक निष्पक्ष एजेंसी से सर्वे कराकर रिपोर्ट लेनी होगी और जब एनएचएआइ को इसका प्रमाण पत्र मिल जाए. उसके बाद ही लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर पूरे टैक्स की वसूली शुरू होनी चाहिए.
टोल प्लाजा की बढ़ती संख्या पर जताई नाराजगी
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में टोल प्लाजा की बढ़ती संख्या पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में टोल प्लाजा आम आदमी से वसूली करने का एक माध्यम बन चुका है.
हाईकोर्ट ने कहा कि एनएचएआइ दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित टोल प्लाजा की समीक्षा करें और अगर 60 किलोमीटर के भीतर कोई टोल प्लाजा है तो उसे अगले दो महीने के भीतर हटाया जाए.
हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि टोल टैक्स से अर्जित होने वाले राजस्व का इस्तेमाल विकास कार्यों पर होता है लेकिन टोल टैक्स जनता की जेब पर भारी नहीं पड़ना चाहिए.
हाईकोर्ट ने पाया कि 20 मार्च 2015 से 24 दिसंबर 2024 तक बन टोल प्लाजा पर 659.54 करोड़ की वसूली हुई, लखनपुर टोल प्लाजा पर 22 जुलाई 2020 से 24 दिसंबर 2024 तक 355.77 करोड़ की वसूली और ठंडी खुई टोल प्लाजा पर 11 अक्टूबर 2019 से 26 जनवरी 2024 तक 227.88 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया.
1243 करोड़ रुपये के टोल टैक्स की हुई वसूली
ऐसे में इन तीन टोल प्लाजा पर 1243 करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला गया. हाईकोर्ट ने पाया कि समाचार रिपोर्टों के अनुसार 2020 में भारत में 24 हजार करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूल किया गया और जनवरी 2020 में फास्ट टैग आने के बाद यह बढ़कर 34 हजार करोड़ हो गया. ऐसे में प्रतीत होता है कि टोल प्लाजा सिर्फ जनता पर बोझ डालने के लिए स्थापित किए जा रहे हैं.
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने एनएचएआइ से टोल प्लाजा का ठेका लेने वाले ठेकेदारों को भी कड़ी चेतावनी दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर किसी ठेकेदार ने टोल प्लाजा पर किसी अपराधिक छवि वाले कर्मी को रखा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
हाईकोर्ट ने कहा कि उनके ध्यान में भी आया है कि टोल प्लाजा पर वसूली के लिए गुंडा तत्वों को रखा जाता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने कहा कि टोल प्लाजा पर किसी भी कर्मी की नियुक्ति करने से पहले ठेकेदार को संबंधित पुलिस स्टेशन से उस व्यक्ति का सत्यापन करवाना पड़ेगा और इसमें अगर बाद में कोई भी कोताही पाई गई तो संबंधित क्षेत्र का एसएचओ जिम्मेदार होगा.
लखनपुर टोल प्लाजा के रेट- एक तरफा यात्रा
कार-जीप: 135 रुपये
छोटे व्यवसायिक वाहन: 210 रुपये
बस-ट्रक : 440 रुपये
तीन एक्सेल वाहन : 480 रुपये
चार से छह एक्सेल वाहन : 695 रुपये
छह एक्सेल से बड़े वाहन : 645 रुपये
बन टोल प्लाजा के रेट-एक तरफा यात्रा
कार-जीप : 170 रुपये
छोटे व्यवसायिक वाहन : 275 रुपये
बस-ट्रक: 585 रुपये
तीन एक्सेल वाहन: 635 रुपये
चार से छह एक्सेल वाहन: 910 रुपये
छह एक्सेल से बड़े वाहन: 1110 रुपये