बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है, लेकिन राजनीतिक दलों में चुनावी समीकरण सेट करने को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. सभी प्रमुख दल अभी से सक्रिय हो गए हैं. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी यहां पर अपनी मजबूत चुनौती पेश करने और सियासी समीकरण (AIMIM Entry In Bihar’s Political Equation) बिगाड़ने की तैयारी में लग गई है. AIMIM अब बिहार में उम्मीदवार तय करने के लिए ‘हैदराबादी प्लान’ में जुटी है.
कई सीटों पर AIMIM की नजर
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार AIMIM पूरे बिहार में अपने उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी में लगी हुई है. इसके लिए विशेष तौर पर रणनीति बनाई जा रही है. पार्टी की नजर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में तो है ही लेकिन इसके अलावा वह राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी अपने उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है. पार्टी इसके लिए अपने राज्य स्तरीय नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं से भी लगातार मंथन कर रही है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार AIMIM इस बार कम से कम 50 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने का प्लान बना रही है.
क्या है हैदराबादी प्लान
दरअसल, AIMIM बिहार विधानसभा चुनाव के लिए हैदराबानी प्लान के तहत रणनीति बना रही है. पार्टी ने हैदराबाद में मेयर पद के लिए 1986 में एक चुनावी दांव चला और वो दांव कामयाब भी रहा था. तब पार्टी की तरफ से कालरा प्रकाश राव मेयर बने थे. इसके बाद पार्टी की ओर से अनुमुला सत्यनारायण 1987 में और फिर 1989 में अल्लामपल्ली पोचैया मेयर बने. हालांकि इसके बाद 2 बार मीर जुल्फिकार अली और एक बार मोहम्मद मुबीन मेयर बने थे.
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AIMIM Entry In Bihar’s Political Equation – AIMIM ने लगातार 3 बार हिंदू प्रत्याशी को मेयर बनाया था. संदेश देने की कोशिश यही थी कि पार्टी सबके लिए है. बिहार में वह इसी प्लान के तहत उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटी है. जहां-जहां संगठन मजबूत है, पार्टी वहां पर चुनाव लड़ेगी.
अल्पसंख्यक इलाकों में हिंदू प्रत्याशी
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हसन कहते हैं कि उनकी पार्टी पर हमेशा यह टैग लगता रहा है कि वह केवल अल्पसंख्यकों की ही बात करती है और उसकी ही पार्टी है, लेकिन ऐसा नहीं है. लेकिन हम इस धारणा को बदल देंगे. सीमांचल की किसी एक सीट से हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्य सचिव और सदस्यता अभियान के प्रभारी राणा रणजीत सिंह चुनावी मैदान में उतरेंगे. राणा रणजीत सिंह को पार्टी या तो बहादुरगंज या फिर बलरामपुर सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है.
जितने हिंदू उतने ही मुसलमान
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार AIMIM इस विधानसभा चुनाव में जितनी सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी में है, उतनी ही सीटों पर वह गैर मुस्लिम उम्मीदवारों को भी उतारेगी. पार्टी यह कह रही है कि हमारे लिए कोई भी हिंदू अछूता नहीं है. जब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस में हिंदू नेता कार्यकर्ता हैं तो AIMIM में भी हिंदुओं का स्वागत है.