नई दिल्ली : विधानसभा सत्र में प्रश्न काल के दौरान दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर जहां विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं सत्ता पक्ष के (Reduction In Pollution) विधायक ने सदन को पेपरलेस नहीं किए जाने पर सवाल उठाया। दूसरी ओर इन सवालों का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार का प्रयास जारी है और अब तक के इन प्रयासों की वजह से 2023 में अब तक 2026 दिन ऐसे बीते हैं, जब औसत प्रदूषण का स्तर 200 और इससे कम रहा, जबकि 2015 में यह संख्या मात्र 109 दिन था। मतलब 10 साल में प्रदूषण का स्तर 31 प्रतिशत तक घट गया है।
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दरसअल, भाजपा विधायक अभय वर्मा ने अपने प्रश्न में सीएम के नए आवास के निर्माण के दौरान कितने पेड़ काटे गए हैं, यह सवाल किया था। वहीं विजेंद्र गुप्ता ने वायु प्रदूषण के स्थाई समाधान के लिए सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में मंत्री ने पहले सरकार के प्रयास गिनाए और फिर कहा कि 2014 में दिल्ली में सालों पर पीएम 10 औसतन 324 रहा था। यह 2022 में कम होकर 223 पर आ गया है। इसी प्रकार पीएम 2.5 का औसत लेवल 2014 में 149 था, जो 2022 में कम होकर 103 पर आ गया है।
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Reduction In Pollution – मंत्री ने यह भी बताया कि 2015 में 365 दिनों में 109 दिन ऐसा रहा जब प्रदूषण खराब स्तर से बाहर यानी 200 से कम रहा था। लेकिन 2023 में यह संख्या 206 रह चुका है। मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 2021 में 71, 089 से 2022 में घटकर 49, 775 आ गया है, जो 30 प्रतिशत कम है। यही नहीं, 2023 में अब तक यह कम होकर 36, 449 पर आ गया है जो 2021 की तुलना में 49 प्रतिशत कम है। इस दौरान मंत्री ने यह भी बताया कि जब हमारी सरकार बनी थी तब दिल्ली में हरित क्षेत्र का प्रतिशत 20 था, जो अब 23.6 प्रतिशत तक पहुंच गया है। बीते चार साल में दिल्ली में दो करोड़ पेड़ लगाए गए हैं।