
आनंद प्रकाश का फाइल फोटो। शव पहुंचने के बाद उनके परिजनों को तिरंगा सौंपते सेना के अधिकारी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
राजस्थान के बाडमेर में तैनात बीएसएफ के जवान ने 55 दिन जिंदगी और मौत की जंग लड़ी। दुश्मन की गोलियां भले ही उसे नहीं हरा पाईं, लेकिन यह जंग जवान हार गया। बीएसफ के जवान आनंद प्रकाश को गाय को रोटी देते समय सांड़ ने टक्कर मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जोधपुर एम्स में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
शनिवार को जब उनका पार्थिव शरीर करनाल पहुंचा तो लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े। नम आंखों के साथ उन्हें विदाई दी गई और राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान बहादुर जवान को भारत मां के जयघोष के साथ लोगों ने श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
आनंद प्रकाश का शव पहुंचने पर विलाप करते परिजन।
जानकारी के अनुसार, सूरज नगर निवासी 35 वर्षीय आनंद प्रकाश बीएसएफ में करीब पिछले 34 साल से सेवाएं दे रहे थे। इन दिनों वे राजस्थान के बाडमेर में तैनात थे। 16 जुलाई की सुबह के समय वह गाय को रोटी डालने के लिए गए थे। इस दौरान सांड़ ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। गर्दन में गहरी चोट लगी। जवान को जोधपुर के एम्स में उपचार के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हो सका। अब उपचार के दौरान जवान की मौत हो गई।
आनंद प्रकाश का शव पहुंचने पर विलाप करते परिजन।
कॉलोनी में पसरा मातम
शनिवार को तिरंगे में लिपटा हुआ पार्थिव शरीर सूरज नगर स्थित आवास पर पहुंचा। इस दौरान कॉलोनी में मातम छा गया। हर किसी की आंखें नम दिखाई दीं। हाथों में तिरंगा लिए लोग जवान आनंद प्रकाश के अंतिम दर्शनों के लिए खड़े थे। जैसे ही जवान का शव कॉलोनी में पहुंचा चारों तरफ भारत माता के जयघोष गूंजता सुनाई दिया।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक जवान आनंद प्रकाश के तीन बेटे हैं। जवान की मौत से परिवार को गहरा धक्का लगा है। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने बताया कि आनंद प्रकाश बहादुर थे। परिवार के सदस्यों से हमेशा उनके बहादुरी के किस्से ही सुनने को मिलते थे।