
गोदाम में निरीक्षण करते अधिकारी।
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हरियाणा के कैथल में हैफेड के गोदाम में गेहूं के कट्टों पर पानी डालने के मामले में बनाई गई कमेटी ने सोमवार को जिला प्रबंधक सुरेश कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जो जिला प्रबंधक ने मुख्यालय को भेज दी है। अब मुख्यालय स्तर से ही मामले में कार्रवाई की जानी है। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में ड्यूटीरत एक इंस्पेक्टर और गोदाम प्रभारी संदेह के घेरे में हैं। वहीं, इस घटना के बाद एफसीआई की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की है।
विदित हो कि बीते रोज रविवार की सुबह हैफेड के गोदाम में गेहूं के कट्टों पर पानी डालने का मामला सामने आया था। इसके बाद हैफेड चेयरमैन के निर्देश पर जांच के लिए जिला प्रबंधक सुरेश कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसमें हैफेड के सहायक महाप्रबंधक मान सिंह, स्टोरेज तकनीकी अधिकारी जसबीर सिंह, वरिष्ठ लेखाकार पवन कुमार, सहायक खरीद अधिकारी ऋषिपाल शामिल थे।
टीम की ओर से जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन कट्टों पर पानी डाला गया, उन कट्टों के गेहूं में नमी की मात्रा की जांच की गई तो वह अधिक मिली है। रिपोर्ट में नमी का मात्रा 14 की बजाय 14.70 मिली है। कट्टों में नमी ज्यादा होने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। हैफेड के अनुसार, गोदाम में करीब डेढ़ लाख कट्टों का स्टॉक रखा गया है, लेकिन समय रहते ही जानकारी मिलने के कारण विभाग को अधिक नुकसान नहीं हो पाया है।
भिगोने के बाद आज राजस्थान में की जानी थी गेहूं की आपूर्ति
हैफेड के गोदाम में जिन गेहूं के कट्टों को भिगोने का मामला सामने आया है, उसे सोमवार को राजस्थान भेजा जाना था, लेकिन जांच के कारण नहीं भेजा जा सका। माना जा रहा है कि राजस्थान भेजने से पहले गेहूं का वजन बढ़ाने के लिए इसको भिगोया जा रहा था। हैफेड के जिला प्रबंधक सुरेश कुमार के अनुसार गोदाम में एक लाख 25 हजार गेहूं के कट्टों का स्टाॅक है।
हैफेड के जिला प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया कि पांच सदस्यों की तरफ से जो विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई, उसे मुख्यालय भेज दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, उस समय ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर और गोदाम के प्रभारी की जिम्मेदारी बनती है। मामले की जानकारी एफसीआई को भी दी गई है।