
फैक्टरी में मिली नकली दवाइयां
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रोहतक के सुनारिया रोड रोड खुफिया विभाग की पुख्ता सूचना पर कृषि विभाग की टीम ने कुंच विहार के एक मकान में चल रही अवैध फैक्टरी में सोमवार शाम को छापा मारा था। रात 12 बजे तक माल की जांच चली, जिसमें हिमाचल की बद्दी, पश्चिमी बंगाल की कोलकता, महाराष्ट्र की मुंबई व पूना, गुजरात की अंकलेश्वर व दिल्ली की नामी कंपनी के नाम की कीटनाशक दवाइयां मिली, जो बिना लाइसेंस के तैयार की जा रही थी।
इस संबंध में कृषि विभाग के गुण नियंत्रण निरीक्षक राकेश कुमार की शिकायत पर आरोपी फैक्टरी मालिक जितेंद्र मलिक व अन्य के खिलाफ शिवाजी कॉलोनी थाने में कीटनाशक नियम 18 कीटनाशक अधिनियम व धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। फैक्टरी मालिक जींद के जुलाना का रहने वाला बताया गया है। पुलिस इसकी जांच पड़ताल कर रही है।
सात कमरों भरी थी कृषि कीटनाशक दवाइयां व कच्चा माल
पुलिस के मुताबिक गुण नियंत्रण निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि सुनारिया रोड पर कुंज विहार में एक मकान में नकली कीटनाशक दवाइयां बनाने की फैक्टरी चल रही है। इसके बाद एक टीम तैयार की गई, जिसमें कृषि विभाग के उप निदेशक महाबीर सिंह, डीडीए डाॅक्टर संदीप मलिक, एसडीओ राकेश कुमार सहित पुलिस की टीम भी शामिल रही। संयुक्त ने घर पर दबिश दी तो पता चला कि फैक्टरी जींद के जुलाना का युवक जितेंद्र बालंद गांव के एक व्यक्ति के मकान को किराये पर लेकर चला रहा है। मौके पर पुलिस को यूपी के कानपुर जिले के राजपुरा निवासी पिंटू व उसकी पत्नी चांदनी मिले। आरोप है कि मौके पर फैक्टरी का किसी तरह का लाइसेंस नहीं मिला।
ये माल जब्त किया गया
पुलिस व कृषि विभाग की टीम को जांच में हिमाचल की बद्दी स्थित कीटनाशक बनाने वाली कंपनी का पांच लीटर, पश्चिमी बंगाल की कोलकता स्थित कंपनी का 650 लीटर, गुजरात स्थित अंकलेश्वर स्थित कंपनी का 500 लीटर, दिल्ली के यादव नगर स्थित कंपनी का 1600 यूनिट, महाराष्ट्र की पूना स्थित कंपनी का 750 यूनिट, मुंबई स्थित कंपनी का 1500 यूनिट के अलावा एल्युमीनियम फोस्फाईड की 20 यूनिट व 100 बैग कच्चा माल, एक डेटा मशीन, दो सिलिंग मशीन व एक सल्फास लोक मशीन और नामी कंपनियों के 25 बैग खाली रैफर मिले हैं।
जुलाना का बताया फैक्टरी मालिक, नहीं मिला कोई लाइसेंस
जांच में मौके पर फैक्टरी में काम कर रहा कर्मचरी पिंटू निवासी राजपुरा, कानपुर यूपी मिला। उसने बताया कि फैक्टरी जितेंद्र नाम के व्यक्ति की है। जितेंद्र वहां मौजूद नहीं था। कर्मचारी व श्रमिक फैक्टरी का कोई लाइसेंस नहीं दिखा सके। -राकेश कुमार, गुण नियंत्रण निरीक्षक, कृषि विभाग रोहतक।