
पत्रकाराें से बातचीत करते केरला के इंस्पेक्टर हीरालाल व उचाना थाना प्रभारी रविंद्र कुमार।
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इसरो तकनीकी कर्मचारी भर्ती परीक्षा के मामले में चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। जो युवक केरल पुलिस ने परीक्षा देते पकड़े हैं, उन्होंने अपनी शर्ट के बटन की जगह कैमरे लगा रखे थे। यह कैमरे कहीं बाहर से ही ऑपरेट हो रहे थे। इन कैमरे के माध्यम से प्रश्न-पत्र के फोटो खींचकर यह लोग बाहर भेज रहे थे। बाहर से पेपर साॅल्व होकर अंदर आ रहे थे। इसके अलावा साॅल्वर गैंग खुद परीक्षार्थी भी उपलब्ध करवाता था। इससे साफ है कि साॅल्वर गैंग जैसा भी ग्राहक मिलता, उसके साथ वैसी ही डील करता था।
गांव काकड़ौद निवासी दीपक इस गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। दीपक पर पहले भी दिल्ली में न्यायिक भर्ती परीक्षा में पेपर साॅल्व करवाने का मामला दर्ज है। वह फिलहाल जमानत पर आया था। यहां काकड़ौद गांव में ही बैठकर दिल्ली में पेपर साॅल्व करवाया जा रहा था।
अब इनकी गैंग तिरुवनंतपुरम तक पहुंच बन गई। इस पेपर साॅल्वर गैंग के हौसले इतने बुलंद हो गए कि इन्होंने इसरो जैसे बड़ी संस्था के भर्ती परीक्षा में भी सेंधमारी कर दी। पहले दर्ज मामलों की पुलिस जड़ तक नहीं पहुंच पाई, इसलिए यह पेपर साॅल्वर गैंग लगातार अपना जाल फैलाता जा रहा है।
आसानी से जाल में फंस रहे युवा
पेपर साॅल्वर गैंग के जाल में आसानी से युवा फंस रहे हैं। बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि हर किसी को नौकरी नहीं मिल पाती, इसी कारण हर युवा नौकरी पाने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपनाने को तैयार रहता है। इसी कारण बेरोजगार युवा इनके जाल में फंस जाते हैं। इसके अलावा जितनी बड़ी नौकरी के लिए परीक्षा होती है, उतनी बड़ी रकम यह लोग ऐंठते हैं। किसी दूसरे की जगह परीक्षार्थी बैठाने के कम से कम पांच लाख रुपये लिए जाते हैं। इसके लिए आवेदन से लेकर परीक्षा तक सभी प्रकार की कार्रवाई पेपर साॅल्वर गैंग के लोग ही करते हैं।
लखविंदर की जगह कोई और, ऋषिपाल दे रहा था किसी और का पेपर
केरल पुलिस ने शनिवार को काकड़ौद निवासी दीपक, धरोदी निवासी लखविंदर और फुलियां कलां निवासी ऋषिपाल को गिरफ्तार किया है। इनमें दीपक मुख्य आरोपी है जोकि गैंग का सरगना बताया जा रहा है। लखविंदर ने अपने स्थान पर किसी दूसरे परीक्षार्थी को बैठाया हुआ था। वहीं ऋषिपाल किसी और युवक का पेपर देने के लिए परीक्षा में बैठा था।
पेपर साॅल्वर गैंग के 60 से 70 लोग राडार पर
जींद जिले में पेपर सॉल्वर गैंग के 60 से 70 लोग केरल पुलिस के राडार पर हैं। इनमें सबसे ज्यादा युवा उचाना थाना क्षेत्र के गांवों से हैं। वहीं सदर थाना जींद के तहत आने वाले गांवों से भी काफी युवा इसमें शामिल हैं। नरवाना थाना के अंतर्गत आने वाले गांवाें से भी 5-6 युवा हैं। यह पूरा गिरोह कार्य करता है।
अभी कुछ दिन और लगेंगे
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर हीरालाल ने बताया कि पेपर सॉल्वर गैंग जींद में काफी सक्रिय है। वह यहां अब कई दिन रहेंगे और इस गैंग की जड़ें खोदने का काम करेंगे। जींद के काफी युवा इस मामले में संलिप्त बताए जा रहे हैं। एक-एक को गिरफ्तार किया जाएगा। आजकल शर्ट के बटन की जगह लगने वाले खुफिया कैमरों का युवा दुरुपयोग कर रहे हैं।