
शिक्षक अरविंद कुमार, जेएस बेनीवाल और शिक्षिका किरन शर्मा।
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पिछले करीब एक दशक में हरियाणा की शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा हुआ है। बड़े स्तर पर सुधार हुआ है। विद्यार्थियों की उड़ान को पंख लगने लगे हैं। थोड़े और सुधार की अब भी जरूरत है। यह कहना है उन शिक्षकों का, जो अपने मेधावी छात्रों की खुशी में चार चांद लगाने के लिए उनके साथ अमर उजाला मेधावी छात्र समारोह में पहुंचे थे।
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बनने लगा
स्कूल में भी बच्चों को पढ़ाई के माहौल का होना बहुत जरूरी है। एक शिक्षक को रिपीट टेस्ट, कोर्स रिवाइज, प्री बोर्ड की परीक्षा का आयोजन करते रहना चाहिए। कमजोरी को छिपाने के बजाय शिक्षक हर अभिभावक-परिजन बैठक में खुलकर बात करें। बच्चों के द्वारा किए गए काम की समीक्षा शिक्षक करने के बाद अभिभावक और छात्रों से बात करे। इसी तरह से शिक्षा पद्धति में सुधार हो सकता है। राज मनोचा, डायरेक्टर, शांति विद्या निकेतन हाई स्कूल डबुआ कॉलोनी फरीदाबाद।
अभिभावक बच्चों पर पूरा ध्यान दें
बच्चों के मुकाम हासिल करने में उनके स्वजनों का सबसे बड़ा रोल होता है। विद्यार्थी जो भी स्कूल में पढ़ता है, वह घर जाने के बाद उसको दोहराता है कि नहीं। इस बात का अभिभावकों को ध्यान रखना चाहिए। अगर वह पढ़ाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही करता है तो उसे उसके कर्तव्य को बताना चाहिए। हिंदी में नैतिक शिक्षा का अध्याय नया जोड़ा गया है। यह बच्चों के लिए कारगर होगा। किरन शर्मा, शिक्षका।