
ओवरलोड वाहनों पर आरटीए की कार्रवाई
–
ओवरलोड के खेल में सड़क पर दौड़ रही गाड़ी का घर बैठे भी इंजन बंद किया जा रहा है। ताकि आरटीए टीम ओवरलोड वाहन को जब्त कर न ले जा सके। भिवानी जिले में अब तक आरटीए टीम ने इस तरह के 200 से अधिक पकड़े हैं, जिनमें ओवरलोड गाड़ी को जब्त करने के लिए उसके अंदर लगे जीपीएस सिस्टम को मिस्त्री बुलाकर हटा गाड़ी को स्टार्ट कर ले जाना पड़ा।
कुछ चुनिंदा लोग अपने फायदे के लिए कर रहे
इतना ही नहीं 2017 और 2021 में आरटीए कर्मचारी को बंधक बनाकर मारपीट के भी दो मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें केस भी दर्ज हुए हैं। आरटीए टीम को चकमा देने के लिए ओवरलोड माफिया जीपीएस सिस्टम का दुरुपयोग कर रहा है। आरटीए टीम की पल-पल की लोकेशन अपडेट के लिए भी दर्जनों अवैध व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं। इनका संचालन भी कुछ चुनिंदा लोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं।
ओवरलोड का खेल यहीं से शुरू होता है
भिवानी सहित अरावली क्षेत्र में खनन का सालाना अरबों का कारोबार होता है। यहां से भवन निर्माण सामग्री और पत्थर प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी ले जाया जाता है। ऐसे में ओवरलोड का खेल यहीं से शुरू होता है। ओवरलोड वाहनों पर आरटीए की टीम शिकंजा कसने के लिए जितनी सतर्क रहती है, ओवरलोड माफिया उनसे दो कदम आगे बने रहने के लिए नए-नए हथकंडे अपना लेते हैं।
मैकेनिक बुलाकर उस गाड़ी को स्टार्ट करवाना पड़ता है
ताजा मामला वाहनों में जीपीएस का है। ये जीपीएस आम तौर पर वाहन चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए है। ताकि गाड़ी चोरी होने की सूरत में घर बैठे ही अपने वाहन को स्वत: बंद किया जा सके। लेकिन इन दिनों ये जीपीएस सिस्टम ओवरलोड माफिया के लिए कारगर बना है। जब भी ओवरलोड कोई गाड़ी सड़क पर दौड़ते हुए आरटीए की टीम पकड़ती है तो चालक भाग जाता है और गाड़ी को घर बैठे ही जीपीएस से बंद कर दिया जाता है। ये गाड़ी फिर स्टार्ट नहीं होती। ऐसे में आरटीए टीम को मोटर मैकेनिक बुलाकर उस गाड़ी को स्टार्ट करवाना पड़ता है।