आगरा में सामने आए धर्मांतरण मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. दो सगी बहनों के कथित धर्मांतरण और घर से गायब होने के खुलासे के बाद, अब उनके पिता ने कई खुलासे किए हैं. उन्होंने अपनी बेटियों के ‘ब्रेनवॉश’ का गंभीर आरोप लगाया है. इस मामले की परतें खुलने के साथ ही, इसके तार 5 देशों से जुड़े होने और भारत में इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग की बात सामने आई है. आगरा पुलिस ने 6 राज्यों में छापेमारी कर 10 लोगों को (Agra conversion case) गिरफ्तार किया है, हालांकि मास्टरमाइंड अभी भी फरार है.

बेटियों के पिता ने बताया कि साल 2021 में उनकी बड़ी बेटी जो एम.फिल की तैयारी कर रही थी, पहले उसका ‘ब्रेनवॉश’ किया गया. वह दयालबाग से एम.फिल कर रही थी तो सदर बाजार से कॉलेज दूर होने के कारण दयालबाग में ही रूम लेकर रहती थी. वहीं उसकी मुलाकात उधमपुर कश्मीर के रहने वाली सायमा से हुई थी.

साइमा लगातार उसको इस्लाम धर्म की अच्छाइयों के बारे में बताती रहती थी. वह उसे मोबाइल पर वीडियो दिखाती और कहती कि हिजाब पहनने से सुरक्षा रहती है, जबकि हिंदू धर्म में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. धीरे-धीरे बड़ी बेटी को लगने लगा कि इस्लाम धर्म बेहतर है. वह घर में ही नमाज पढ़ने लगी और बाद में तो घर की पूजा-पाठ का भी खुलकर विरोध करने लगी. सायमा ने बड़ी बेटी को इस्लामिक किताबें भी दीं, जिनका हिंदी अनुवाद मुस्कान अपने घर लेकर आई और परिवार से भी उन्हें पढ़ने को कहा.

साल 2021 में ही बड़ी बेटी अचानक घर से गायब हो गई. वह सायमा के कहने पर जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जा रही थी, लेकिन रास्ते में लैंडस्लाइड में फंस गई. जब किसी ने मदद नहीं की, तो उसने परिवार को फोन किया और पिता उसे कश्मीर के एक नेता की मदद से आगरा वापस ले आए थे. उस समय बेटी ने परिवार को घर छोड़ने की वजह नहीं बताई थी. लेकिन वह लगातार सायमा के संपर्क में रहने से हिंदू धर्म से दूर होती जा रही थी, जिसके बाद परिवार ने उसका फोन छीन लिया और घर से बाहर निकलना बंद करा दिया. तब वह अपनी 16 वर्षीय छोटी बहन के फोन का इस्तेमाल करने लगी. यहीं से बड़ी बेटी ने छोटी बहन का भी ‘ब्रेनवॉश’ करना शुरू कर दिया, और दोनों मिलकर इस्लाम की बातें करने लगीं.

Agra conversion case – छोटी बहन के फोन के जरिए बड़ी बेटी ने सायमा को अपनी स्थिति के बारे में बताया. सायमा ने उसको रीत बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम का नंबर दिया, जो सोशल मीडिया पर धर्म परिवर्तन से जुड़े पोस्ट करता था. रीत बनिक ने दोनों बहनों के घर से भागने, उनके रुकने और धर्म परिवर्तन की योजना तैयार की. छोटी बेटी अभी केवल 16 साल की थी, इसलिए उन्होंने 2 साल तक इंतजार किया. उस के 18 साल के होते ही, रीत बनिक ने उसे धर्मांतरण के लिए तैयार किया.

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