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    Home » रोहतक Pgi का कमाल:कॉर्निया प्रत्यारोपण से लोगों के जीवन में खुशियों का उजाला, रंगीन दुनिया देख पा रहे पीड़ित – Corneal Transplant Brings Light Of Happiness In People Lives Due To Rohtak Pgi

    रोहतक Pgi का कमाल:कॉर्निया प्रत्यारोपण से लोगों के जीवन में खुशियों का उजाला, रंगीन दुनिया देख पा रहे पीड़ित – Corneal Transplant Brings Light Of Happiness In People Lives Due To Rohtak Pgi

    August 29, 2023 हरियाणा 3 Mins Read
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    Corneal transplant brings light of happiness in people lives due to Rohtak PGI

    पीजीआई राेहतक
    – फोटो : अमर उजाला


    नेत्रदान के प्रति बढ़ती जागरूकता दृष्टिहीनों की अंधेरी दुनिया में उजाला लाने का काम कर रही है। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआईएमएस) के क्षेत्रीय नेत्र रोग संस्थान ने इस वर्ष जनवरी से अब तक 171 लोगों की दुनिया में कॉर्निया प्रत्यारोपण के जरिए खुशियों के रंग भर दिए हैं। ये लोग अपनी आंखों से रंगीन दुनिया देख पा रहे हैं। जिले में फिलहाल 141 दृष्टिहीन हैं। इन्हें नेत्र ज्योति का इंतजार है। हर साल लगभग 170 के करीब ही कॉर्निया की जरूरत वाले नए केस सामने आ जाते हैं। ऐसे में नेत्रदान के प्रति जागरूकता जरूरी है।

    रोहतक में करीब 141 नेत्र दृष्टिहीन

    प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना आंखों के बगैर असंभव है। यही नहीं, करीब 80 प्रतिशत चीजें व्यक्ति देखकर ही सीखता है। ऐसे में हमारे जीवन में आंखों का खास महत्व है। इनके बगैर जीवन में घोर अंधकार रहता है। ऐसे जिले में करीब 141 नेत्र दृष्टिहीन हैं। यह संख्या पीजीआईएमएस के क्षेत्रीय नेत्र रोग संस्थान में पंजीकृत लोगों की है। दिन-रात अंधेरे में खाेये इन दृष्टिहीनों के जीवन में रोशनी भरना संभव है। इसके लिए नेत्रदान की जरूरत है। एक व्यक्ति मरणोपरांत नेत्रदान कर दो लोगों के जीवन में रोशनी भर सकता है।

    पीजीआईएमएस में विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से इस वर्ष एक जनवरी से 31 जुलाई तक प्राप्त हुए नेत्रो में सात संक्रमित मिले। इसके चलते इन्हें आंखों में प्रत्यारोपित नहीं किया गया। शेष सभी कॉर्निया 171 लोगों की आंखों में प्रत्यारोपित कर दिया गया। इससे ये लोग अपनी एक आंख के जरिए दुनिया देखने लगे हैं। ऑपरेशन के बाद इनका जीवन कुछ आसान हुआ है।

    मरीजों के लिए प्रयोग हो पाते हैं 70 प्रतिशत कॉर्निया

    दृष्टिहीनों की दुनिया में रोशनी भरने के लिए कॉर्निया की जरूरत होती है। यह कॉर्निया युवा आंखों का लाभप्रद होता है। यह साल भर में दाने होने वाले नेत्रों का 70 प्रतिशत होता है। ढलती उम्र के लोगों की दान की गई आंखों में संक्रमण, रोग या कोर्निया खराब होने के कारण इनका दूसरी आंखों में प्रयोग नहीं हो पाता है। यह करीब 30 प्रतिशत होता है। इन्हें विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए प्रयोग किया जाता है।

    जागरूकता में जुटी है समाज सेवियों की टीम

    जिले में रक्तदान के बाद नेत्रदान को लेकर जागरूकता मुहिम छिड़ी है। विभिन्न सामाजिक संस्थाएं शिविर लगाने के साथ लोगों को नेत्रदान से जुड़ी जानकारी देकर जागरूक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सिविल अस्पताल के सेवानिवृत्त नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि जागरूकता शिविर लगाना व लोगों के नेत्रदान के आवेदन भरवाने के साथ नेत्रदान की प्रक्रिया भी पूरी कराने में कई संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। इससे जरूरतमंदों को नेत्र मिल पा रहे हैं।

    अधिकारी के अनुसार

    संस्थान की ओर से 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत लोगों को नेत्र रोगों व नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। दान किए गए नेत्रों से दृष्टिहीनों के जीवन में उजाला भरा जा रहा है। इस वर्ष अब तक 171 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। कॉर्निया के इंतजार में 141 लोग कतार में हैं। इनकी जरूरत के हिसाब से कॉर्निया मिलते ही इन्हें भी ऑपरेशन के लिए बुलाया जाएगा। हर वर्ष विभिन्न कारण से करीब 170 से ज्यादा नए कॉर्निया की जरूरत वाले मरीज बढ़ जाते हैं। ऐसे में नेत्रदान के प्रति जागरूकता जरूरी है। -डॉ. अशोक राठी, प्रोफेसर, क्षेत्रीय नेत्र रोग संस्थान, पीजीआईएमएस, रोहतक।

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