Close Menu
करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • बायो खतरों और न्यूक्लियर हमले से असर के खिलाफ तैयारी जरूरी… जानें ऐसा क्यों बोले CDS अनिल चौहान
    • CM सर, आप मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं, पार्टी के लोगों के साथ नहीं, करूर हादसे पर स्टालिन पर बरसे एक्टर विजय
    • फिल्मी स्टाइल ठगी! मोबाइल व्यापारी से 1 करोड़ का फ्रॉड, पुलिस ने नहीं लिखा केस
    • SIR के बाद बिहार में मतदाता सूची फाइनल, आयोग ने वेबसाइट पर किया अपलोड
    • रश्मि, काजल और श्वेता बनीं चैतन्यानंद की गुनाहगार साथी, न्यायपालिका को भी दी धमकी
    • बिहार चुनाव से पहले पवन सिंह और बीजेपी में सुलह, जानिए क्या था विवाद
    • किशनपुरा लूटकांड मामले में नया मोड़, गैंगस्टर लिंक आया सामने
    • फिर गर्मी पकड़ने लगी जोर, बिजली की डिमांड में भारी उछाल, अघोषित कट से जनता परेशान
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    Wednesday, October 1
    • होम
    • राज्य
      • दिल्ली
      • उत्तर प्रदेश
      • उत्तराखण्ड
      • मध्य प्रदेश
      • छत्तीसगढ़
      • हिमांचल प्रदेश
      • पंजाब
      • झारखण्ड
      • बिहार
      • राजस्थान
      • हरियाणा
      • गुजरात
      • महाराष्ट्र
      • जम्मू कश्मीर
    • देश
    • मनोरंजन
    • खेल
    • टेक्नोलॉजी
    • लाइफ स्टाइल
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Home » बिल गेट्स ने छोड़ा माइक्रोसॉफ्ट

    बिल गेट्स ने छोड़ा माइक्रोसॉफ्ट

    March 14, 2020 करियर/जॉब्स 3 Mins Read
    बिल गेट्स ने छोड़ा माइक्रोसॉफ्ट
    Share
    Facebook Twitter Email WhatsApp Copy Link

    बिल गेट्स ने फ्राइडे शाम को ट्विटर पर माइक्रोसॉफ्ट बोर्ड छोड़ने का किया बड़ा एला|आखिर क्यों 44 साल इस पोस्ट पर रहने के बाद और अपने करियर की कामयाबी पर ऐसा मन बनाया ?

    इतिहास

    बिल गेट्स ने 13 साल की उम्र  में  कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करना शुरू कर दी थी |माइक्रोसॉफ्ट के पहले, एलन और बिल ने साथ में वेंचर बनाया था जिसका नाम traf-o-data  रखा | इसके बाद उन्होंने कुछ दिन कॉंग्रेस्सिअल पेज हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव में काम किया |बाद में उन्होंने हार्वर्ड छोड़कर, एलन के साथ माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की | बिल गेट्स और पॉल एलन ने माइक्रोसॉफ्ट की 1975 में सह स्तापना की थी । उन्होंने अपना पहला ऑफिस अल्बुकेरके, नई मेक्सिको में था |जब IBM और माइक्रोसॉफ्ट की डील ने, माइक्रोसॉफ्ट को स्मॉल बिज़नेस से दुनिया की लीडिंग सॉफ्टवेयर कंपनी बना दी | जैसे जैसे पर्सनल कंप्यूटर के मार्किट बढ़ने लगे, माइक्रोसॉफ्ट टॉप कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बन गया |1985 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट का पहला वर्शन निकला|बाद में क्रिएटिव टीम के मन मुटाव के कारण डील टूट गई|

    माइक्रोसॉफ्ट की कामयाबी

    13 मार्च 1976  को माइक्रोसॉफ्ट पब्लिक कंपनी बनी थी, और बिल गेट्स ने बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स का पद संभाला| ठीक 44 साल बाद उसी दिन बिल गेट्स ने बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स छोड़ने का मन बनाया | इनका गुडबाय टेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्री का सबसे बड़ा बॉर्डरोन डिपार्चर माना जा रहा है इससे पहले स्टीव जॉब्स एप्पल के को-फाउंडर का था |लिंक्डइन पर उन्होंने पोस्ट करते हुए कहा की उन्होंने अपना मन बना लिया है माइक्रोसॉफ्ट बोर्ड को छोड़ने का |

    वो ज़्यादा वक़्त अब समाज सेवा में देना चाहते है जैसे की दुनिया का स्वास्थ्य और प्रगति, शिक्षा और क्लाइमेट परिवर्तन । उन्होंने कहा की बोर्ड को छोड़ने का मतलब माइक्रोसॉफ्ट को छोड़ना नहीं है| मेरी लाइफ का सबसे अभिंग अंग है, मैं कंपनी  की दृष्टि और लक्षय को प्राप्त करने में हमेशा सहभागी रहूँगा |माइक्रोसॉफ्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव सत्य नडेला ने कहा इतने साल तक बिल के साथ काम करना एक आदर- सम्मान की बात थी|  मैं उनकी दोस्ती का आभारी हूँ और आगे उनके साथ और काम करने की इच्छा जताई|

    धीरे धीरे माइक्रोसॉफ्ट छोड़ने लगे

    2000 तक उन्होंने चेयरमन और सीईओ के पोस्ट पर रहकर कंपनी की बाग़ डोर संभाली, फिर उसी समय से धीरे धीरे कंपनी में कम शरीक होने लगे इसके लिए उन्होंने 2000 में अपनी सीईओ की सीट से इस्तीफा दे दिया और स्टीव बल्ल्मेर ने 2014 तक बखूबी पोस्ट को संभाला |बीच में उन्होंने जग ज़ाहिर किया की अब वो माइक्रोसॉफ्ट में फुल टाइम नहीं बल्कि पार्ट टाइम काम करेंगे | वह अपना पूरा ध्यान बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में देना चाहते है | अपना कार्य भार और कम करते हुए 2014 में उन्होंने चेयरमैन का पोस्ट त्याग दिया| जिसके बाद सत्य नडेला ने ये कार्यरथ बड़ी कुशलता और समझदारी से संभाला हुआ है |

    समाज सेवा

    1985 से 2017 तक के दौरान केवल 4 बार छोड़ कर हर साल सबसे अमीर आदमी का ख़िताब अपने नाम दर्ज किया | उनके फाउंडेशन के काम को दुनिया का सबसे बड़ी निजी दान माना जाता है |उन्होंने रेवेंट टॉयलेट चैलेंज जैसे चीज़ सोशल मीडिया पर चालु किये, सैनिटेशन की तरफ उनका बड़ा योगदान रहा है | उन्होंने अल्झाइमर डिसीसेस की मेडिसिन बनाने वाली कंप को 50 बिलियन डॉलर्स दिए|  केरला बाढ़ पीड़ितों के लिए unicef  को 600,000 बिलियन डॉलर्स दिए|

    उनकी और उनकी पत्नी केवल 30   बिलियन डॉलर अपने बच्चों के लिए छोड़कर जाएंगे जिसका मतलब है की हर बच्चे को 10 बिलियन डॉलर्स मिलेंगे और 99.96% यह दान कर देंगे |अभी भी समाज सेवा के लिए छोड़ रहे है बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर की सीट |

    Image Source:- www.geekwire.com

    Follow on Google News Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on YouTube Follow on WhatsApp
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram WhatsApp Copy Link

    Keep Reading

    Whatsapp से क्यों बेहतर है देसी मैसेजिंग ऐप Arattai? जानें 5 खास बातें

    BSNL के 4 सबसे सस्ते रिचार्ज प्लान, कम खर्च में मिलेगा ज्यादा फायदा

    27 साल का हुआ गूगल, ऐसे बना इंटरनेट की दुनिया का बादशाह

    नए आईफोन में झंझट ही झंझट! हजारों के फोन में आ रही ये 3 सबसे बड़ी दिक्कतें

    आ गया कमाल का फीचर, आपकी भाषा में ट्रांसलेट हो जाएगा मैसेज!

    इस डिवाइस को लगाते ही रॉकेट बन जाएगा 5G इंटरनेट, IIIT-बेंगलुरु ने किया कमाल

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube

    राज्य -  दिल्ली    उत्तर प्रदेश    उत्तराखण्ड    मध्य प्रदेश    छत्तीसगढ़    हिमांचल प्रदेश    पंजाब    झारखण्ड    बिहार   राजस्थान    हरियाणा

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.