चित्रकूट के मानिकपुर से सपा प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज डकैत ददुआ के बेटे पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल आखिरकार पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के मनाने पर मान गए और आखिरी दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। वीर सिंह ने प्रत्याशी बनाए जाने के दूसरे दिन मानिकपुर सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर लखनऊ में पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की थी।

पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल ने चित्रकूट सदर सीट से चुनाव की तैयारी कर रखी थी। इसी सीट से 2012 में वह सपा से विधायक चुने गए थे। हालांकि 2017 में चुनाव हार गए थे। हालांकि उन्होंने 2022 के चुनाव के लिए इसी सीट से टिकट के लिए आवेदन किया था मगर सपा ने इस बार वीर सिंह को मानिकपुर से प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस पर समर्थकों से मंत्रणा करने के बाद पूर्व विधायक ने मानिकपुर सीट से चुनाव न लड़ने का फैसला लिया और हाईकमान को इसकी जानकारी दे दी। फिर भी चित्रकूट सदर व मानिकपुर दोनों सीट के लिए अपने समर्थक भेजकर नामांकन खरीद लिए थे।

पूर्व विधायक की नाराजगी को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें शनिवार को लखनऊ बुलवाया। वीर सिंह लखनऊ पहुंचे पर वहां अखिलेश से मुलाकात नहीं हो सकी। दो दिन लखनऊ में डेरा जमाए रहने के बाद सोमवार को सपा मुखिया से मुलाकात हो सकी। वीर सिंह ने अपनी बात रखी पर अखिलेश ने मानिकपुर सीट से ही चुनाव मैदान में उतरने को कहा। बात नहीं बनी तो नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को उन्होंने कलक्ट्रेट पहुंचकर अपना पर्चा दाखिल किया।

पूर्व विधायक व सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल ने कहा, ”हमने लखनऊ में मुलाकात के दौरान सपा अध्यक्ष को अपनी बात बताई थी। उनका निर्देश मानिकपुर सीट से ही चुनाव में उतरने का हुआ तो वह आए और नामांकन दाखिल किया है। वह पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता हैं, राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो फैसला है, उसे मान रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि जाओ चुनाव लड़ो, हार-जीत की चिंता नहीं करना।

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