
समारोह को संबोधित करते आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत।
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सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि अर्थ जगत में प्रचलित पाश्चात्य शब्दों को भारतीय विमर्श में बदला जाएगा। इससे अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कई शब्दों के साथ इसकी पद्धति में भी बदलाव आएगा। उन्होंने कंज्यूमर और ग्राहक शब्द का अंतर भी स्पष्ट किया। कहा कि कंज्यूमर का अर्थ भोग करने वाला होता है।
इस शब्द को खाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जबकि ग्राहक शब्द धारण करना होता है। खाने को लेकर विचार नहीं करना चाहिए, लेकिन ग्रहण करने में बहुत कुछ होता है। आरएसएस प्रमुख शनिवार को पानीपत के पट्टीकल्याणा गांव स्थित सेवा साधना केंद्र में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संगठन के 50वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने ग्राहक पुस्तक का विमोचन करने के साथ ही ई ग्राहक ऐप भी लॉन्च किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए सरसंचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संगठन के 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती अधिवेशन किया जा रहा है। इन वर्षों में ग्राहकों की समस्याओं के समाधान के प्रयास किए गए हैं।
ग्राहक पंचायत संगठन ने इस दिशा में पहला प्रयास किया था और बहुत कम समय में बेहतर कार्य किए हैं। स्वर्ण जयंती अधिवेशन को स्वर्णिम अधिवेशन भी कह सकते हैं। भागवत ने कहा कि मनुष्य के 50 वर्ष होने पर उसका जीवन आधा मान लिया जाता है, जबकि ग्राहक की स्थिति निरंतर बनी रहती है।
ग्राहक पंचायत को यहां आकर अपने पिछले अनुभव को साझा करने और आगे की योजनाओं पर चर्चा करने की जरूरत है। सरसंघचालक ने अर्थ क्षेत्र में कंज्यूमर और ग्राहक शब्द का अंतर स्पष्ट करने के साथ संगठन के पदाधिकारियों से दो दिन के अधिवेशन में अन्य विषयों पर भी खुलकर चर्चा कर नए विषयों को लाने का आह्वान किया।
सेवा साधना केंद्र पट्टीकल्याणा में ई ग्राहक ऐप को लॉन्च करते केंद्रीय उपभोक्त राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे। संवाद
वहीं विशिष्ट अतिथि केंद्रीय उपभोक्ता राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अधिवेशन के प्रस्तावों को ग्राहकों के हक में लागू करने का भरोसा दिया। खास बात यह है कि इन सब में बदलाव लाने के उस समय जोर दिया जा रहा, जब देश में इंडिया और भारत को लेकर पक्ष और विपक्ष तर्क-वितर्क कर रहे हैं।
सेवा साधना केंद्र पट्टीकल्याणा में ग्राहकों के लिए पुस्तक का विमोचन करते सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, केंद्रीय उपभोक्त राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे। संवाद
अगले 25 साल में पांच चरण बनाकर करना होगा काम, स्वदेशी बाजार पर दिया जोरभागवत ने कहा कि ग्राहक पंचायत संगठन अपना स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है। 75 साल में अमृत महोत्सव को देखते हुए आगे के 25 साल में पांच चरण बनाकर इस दिशा में काम करना चाहिए। ग्राहक पंचायत के पास परामर्श देने वाले लोग भी हैं। भागवत गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है कि लड़ाई करो। ऐसे में हमें ठंडे दिमाग के साथ ग्राहकों के लिए लड़ना होगा। ग्राहक की समस्या और इसके समाधान का तरीका ढूंढना होगा।
हमें स्वदेशी बाजार की दिशा में चलना होगा और संगठन में बंधु भाव रखने की जरूरत है। हम स्वार्थ पीछे छोड़ आगे चलेंगे तो विजय जरूर मिलेगी। भागवत ने कहा कि ग्राहक जागरूक पुस्तिका अब एक इंच मोटी है। इसको 75 वर्ष में चार गुना अधिक मोटा बनाना है, यानी हमें चार गुना काम करना होगा। अधिवेशन में इन सब विषयों को तैयार करना है। उन्होंने उपभोक्ता और ग्राहक की सोच को भी पृथक बताया।