एस्टेरॉयड……

हाल ही में, एक बार फिर धरती के खत्म होने की न्यूज़ सामने आ गयी है|अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने खुलासा किया है कि धरती की तरफ एक बहुत बड़ा एस्टेरॉयड (छोटा तारा) तेजी से आ रहा है|

बताया जा रहा है कि यह एस्टेरॉयड धरती के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट से भी कई गुना बड़ा है|

क्या होता है एस्टेरॉयड ?(What is an Asteroid)

दरअसल एस्टेरॉयड एक तरीके से स्पेस रॉक (Space Rocks or Asteroid) ही होते हैं जो हमारे अंतरिक्ष में असंख्य मात्रा में मौजूद है

जिनकी उत्पत्ति किसी टकराव के कारण हुई होगी या धूल के कण इकट्ठा होने से आज एक ठोस चट्टान के रूप में बदल चुके हैं|

कोरोना वायरस के बीच क्या है ये बड़ा खतरा

इन दिनों जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसे बड़े खतरे से जूझ रही है उस बीच ऐसे खतरे का अलार्म आना लोगो के मानसिक तनाव को और बढ़ा रहा है|

उड़ती खबरों की माने तो ये लघु गृह 29 अप्रैल के करीब धरती से टकराएगा|

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सोशल मीडिया पे बढ़ते वीडियोस के ट्रेंड

सोशल मीडिया पे जबसे ये न्यूज़ आयी है तबसे लाखो वीडियोस ट्रेंड कर रही है| you tube और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पे ट्रेंड हो रही ये वीडियोस में ये दिखाया जा रहा है की ये एस्टेरॉयड तकरीबन एवेरेस्ट की चोटी से भी बड़ा होगा|

और इतना बड़ा एस्टेरॉयड जब पृथ्वी से टकरएगा तो वो पृथ्वी को पूरी तरह से तबाह कर देगा|

सचाई और पूरा सच

अब अगर सचाई की बात करे तो ये तो पूरा सच है की ये लघु गृह 29 अप्रैल यानी की आज से एक महीने बाद ही पृथ्वी के करीब आएगा|

इस,एस्टेरॉयड की स्पीड 31,319 किलोमीटर प्रतिघंटा है| यानी करीब 8.72 किलोमीटर प्रति सेंकड|

इतनी गति से यह अगर धरती के किसी भी हिस्से में टकराएगा तो बड़ी सुनामी ला सकता है या फिर कई देश बर्बाद कर सकता है|

साइंटिफिक फैक्ट्स

Facts और NASA के वैज्ञानिको का कहना है कि इस एस्टेरॉयड से घबराने की जरूरत नहीं है भले ही ये एस्टेरॉयड धरती से दिखेगा पर क्योंकि यह धरती से करीब 64 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा|

आशा है कि ये पृथ्वी को कोई हानि नहीं पहुंचाएगा|अंतरिक्ष विज्ञान में यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती लेकिन कम भी नहीं है| कुछ वैज्ञानिकों ने इसके धरती से टकराने की भी आशंका जताई है|

NASA को खबर पहली ही थी

अमेरिका की अंतरिक्ष शोध अनुसंधान एजेंसी NASA को इस Asteroid के बारे में वर्ष 1998 में ही पता चल गया था। वैज्ञानिकों ने इसका नाम 52768 व 1998 ओआर-2 दिया है। इसकी कक्षा चपटे आकार की है।

 

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इसकी खोज 1998 में हुई थी और तभी से वैज्ञानिक इसका लगातार अध्ययन कर रहे हैं।यह लघुग्रह 1344 दिनों में सूर्य की एक बार परिक्रमा पूरी करता है। हालांकि यह सच है कि यह बेहद खतरनाक है।

यदि यह वास्‍तव में पृथ्‍वी से टकरा जाता है तो बड़ी तबाही ला सकता है। गनीमत है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है।

वैज्ञानिकों ने झुठलाये सारे दावे

वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के पृथ्‍वी से टकराने व तबाही आने के दावों को नकारा है। इनका कहना है कि लघुग्रह पृथ्‍वी से बहुत दूर से गुजरेगा।

वैज्ञानिको का कहना है की ऐसे लघु ग्रह धरती के पास से गुजरते रहते है|ऐसे लघु ग्रह धरती को हानि नहीं पहुंचाते जबकि ये धरती की सतह से विज़िबल होते है|भारत में कहां, कितना फैला कोरोना, यहां देखिए पूरी लिस्ट

क्या है विश्व के दूसरे देशो का कहना

International Business Times में छपी रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों का मानना है कि ये एस्टेरॉयड करीब 2880 तक पृथ्वी के करीब आएगा और 0.07575 astronomical units या करीब 7 मिलियन मील की दूरी से निकल जाएगा|

हालांकि इसके इतने दूर से निकलने के बाद भी खतरा कम नहीं हैं क्योंकि किसी भी वजह से यदि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण ने इसे अपनी ओर खींच लिया तो पृथ्वी पर जीवन खतरे में पड़ जाएगा|

एक बार फिर से यह बता देना उचित होगा कि ऐसा होने के चांसेस काफी कम हैं|

2079 में यही ग्रह वापस आएगा पृथ्‍वी के निकट

इस ग्रह से अभी तो घबराने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है लेकिन आज से ठीक 59 साल बाद यानी वर्ष 2079 में यही लघु ग्रह के पृथ्‍वी के निकट आने की संभावना है। वैज्ञानिकों ने इसकी गणना की है।

 

इसके अनुसार,यह 16 अप्रैल 2079 को हमारी धरती के पास से गुजरेगा। तब यह धरती से मात्र 18 किमी की दूरी से गुजरेगा।

चूंकि यह दूरी अत्‍यंत कम है, ऐसे में इसके पृथ्‍वी से टकराने की गुंजाइश ना के बराबर है। कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर इस संबंध में चल रही तमाम खबरें महज अफ़वाह हैं।

Image Source :- www.currentnewsdainik.com

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