Registry will be done without clerks in Haryana from today

सांकेतिक तस्वीर रजिस्ट्री कार्य
– फोटो : social media


हरियाणा में लिपिकों की हड़ताल के चलते बंद पड़े रजिस्ट्री के काम को दोबारा शुरू कराने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने लिपिकों की भूमिका को खत्म कर दिया है। रजिस्ट्री का आवेदन अब सीधे तहसीलदार के पास जाएगा और वहीं से रजिस्ट्री हो सकेगी। इसके लिए सरकार ने तहसीलों में प्रयोग किए जा रहे वेब हैरिस सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किया है। इससे लिपिको का लॉग इन हटा दिया गया है। वहीं, लिपिक एसोसिएशन ने तहसीलदार एसोसिएशन से हड़ताल में साथ देने की अपील की है।

लिपिक एसोसिएशन 35,400 मूल वेतन की मांग को लेकर पांच जुलाई से हड़ताल पर है और सरकार के साथ तीन दौर की वार्ता के बाद भी समझौता नहीं हो पाया है। लिपिकों को वर्तमान में 19,200 मूल वेतन मिल रहा है। तीसरी बैठक में सरकार की ओर से 21,700 मूल वेतन का ऑफर दिया गया था।

लिपिक मांग पूरी होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रखने का एलान कर चुके हैं। दूसरी तरफ सरकार ने धरना प्रदर्शन कर रहे लिपिकों को चेतावनी देने के लिए सोमवार से नो वर्क-नो पे (काम नहीं-वेतन नहीं) का नियम लागू करने जा रही है।

सरकार के इन दोनों फैसलों से लिपिकों की परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि, जनता को लंबित रजिस्ट्री कराने का मौका मिलेगा। लिपिकों की हड़ताल की वजह से प्रदेश में बीते 25 दिनों से जमीन की रजिस्ट्री, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रमाणपत्र आदि बनाने का काम लगातार प्रभावित हो रहा है। कोषागार (ट्रेजरी) का काम भी लगभग ठप है।

मांगों पर अड़े लिपिकों ने तहसीलदारों से मांगा सहयोग

लिपिक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत का कहना है कि रजिस्ट्री के सॉफ्टवेयर में बदलाव की जानकारी मिली है। इसके लिए एसोसिएशन ने तहसीलदार एसोसिएशन से अपील की है कि वह सरकार का साथ न देकर लिपिकों का साथ दे। एसोसिएशन 35,400 की मांग पूरी होने पर ही हड़ताल खत्म करेगी।

तहसीलदार संघ ने अभी नहीं लिया फैसला

तहसीलदार एसोसिएशन के प्रधान डॉ. मनोज अहलावत ने कहा कि सरकार ने आरसी का लॉग इन खत्म कर दिया है। अब तहसीलदार सीधे रजिस्ट्री कर सकेंगे। इसके लिए अन्य पदाधिकारियों से राय ली जा रही है। सभी की सहमति के बाद ही रजिस्ट्री को लेकर फैसला लिया जाएगा।

सॉफ्टवेयर अपडेट कर रजिस्ट्री का काम चालू हो गया है। सोमवार से इसकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है। पेंडिंग रजिस्ट्री को वरियता से किया जाएगा। – निशांत यादव, उपायुक्त, गुरुग्राम।

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