Sowing along with crop residue: no hassle of cutting, scientists prepared rotary disc drill machine

रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन
– फोटो : अमर उजाला


अब किसानाें को बिजाई से पहले फसल अवशेषाें को काटने के झंझट से निजात मिलेगी। इन्हें जलाने से होने वाला पर्यावरण प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहेगा। भारतीय गेहूं एवं जाै अनुसंधान संस्थान करनाल में इजाद की गई तकनीक से यह संभव हो सकेगा। संस्थान के वैज्ञानिकों ने ऐसी मशीन विकसित की है, जो फसल अवशेष के साथ ही बिजाई को संभव करेगी। इस मशीन का नाम है रोटरी डिस्क ड्रिल, जिसकी बदौलत किसान अपने खेतों में फसल अवशेष छोड़ सकते हैं और बिजाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

खेत की जुताई के दौरान फसल अवशेष बाधा बनते

किसानों को बिजाई से पहले खेत से फसल अवशेष हटाना पड़ता था, क्योंकि खेत की जुताई के दौरान फसल अवशेष बाधा बनते हैं। इसके साथ ही बीज का अंकुरण नहीं हो पाता है। किसानों की मजबूरी है कि फसल अवशेषों को पूरी तरह से हटाया जाए, इसी कारण कुछ किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं, जिससे प्रदूषण फैलता है। अब नई तकनीक, रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन से यह दिक्कत नहीं होगी।

फसल अवशेषों को हटाने की जरूरत नहीं

इस मशीन की खासियत यह है कि इसके डिस्क ब्लेड खेत में करीब दो से तीन इंच चौड़ी स्लिट (दरार) ही बनाते हैं, जिससे फसल अवशेषों को हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। इस दरार को बनाने के साथ ही मशीन इसमें बीज और खाद डालकर बिजाई पूरी कर देती है। इसके साथ ही यह फसल अवशेषों को काटते हुए चलती है जो खेत की मिट्टी में ही मिल जाती है। इस मशीन से मूंग, मक्का, गेहूं, धान और गन्ने की फसल की बिजाई कर सकते हैं।

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