महाराष्ट्र में पिछले करीब 4 महीनों में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या की है. राज्य (farmers commit suicide in Maharashtra) सरकार के किसानों की आत्महत्या के आंकड़े साझा किए हैं. बताया जा रहा है कि किसानों की आत्महत्या की वजह चौंकाने वाली है. साथ ही आकंड़े भी चौंका रहे हैं. आखिर कैसे एक के बाद एक किसान दुनिया छोड़ने को मजबूर हो गए.

राज्य सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मार्च 2025 के बीच 767 किसानों ने आत्महत्या की जबकि यही आंकड़ा अप्रैल 2025 से अब तक का आधिकारिक तौर पर सामने नही आया है. सूत्रों के अनुसार जनवरी से मार्च के तीन महीनों की तुलना में ये डबल है. यानी अप्रैल से सितंबर के बीच 1 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है.

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वहीं,जनवरी से जून 2025 के बीच सिर्फ मराठवाड़ा रीजन क्षेत्र में 520 किसानों ने अपनी जान दी, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 20% अधिक है.सबसे ज्यादा मामले मराठवाड़ा रीजन के बीड, नांदेड, संभाजीनगर (औरंगाबाद),और विदर्भ रीजन के यवतमाल, अमरावती, आकोला, बुलढाणा और वाशीम जिलों से दर्ज हुए हैं. बीड जिले में तो अकेले पहले छह महीनों में 120 से अधिक किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए हैं.

farmers commit suicide in Maharashtra – विशेषज्ञों और प्रसाशनिक अधिकारियों का कहना है कि किसानों की आत्महत्याओं के पीछे कई कारण सामने आएं हैं. इनमें बैंक और साहूकारों के कर्ज का बढ़ता बोझ और चुकाने की असमर्थता कारण रही है. मौसम की मार से फसलों का नुकसान होना. लगातार बारिश की वजह से सोयाबीन, उड़द, मूंग और कपास जैसी फसलों का पानी में डूब जाना. उत्पादन की लागत में तेजी से इजाफा जबकि बाजार में दाम कम मिलना.

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