Uttar Pradesh Politics: लखनऊ। राज्यसभा चुनाव की तरह विधान परिषद की 12 सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव में भी सियासी दांव-पेंच का खेल देखने को मिल सकता है। अब तक शांत दिख रहे चुनावी माहौल में बृहस्पतिवार को भाजपा के दो नामांकन पत्र और खरीदवाने से हलचल बढ़ गई है। जिस तरह भाजपा ने पहले 10 नामांकन पत्र खरीदने के बाद दो और मंगवाए हैं उससे माना जा रहा है कि उसकी तरफ से 11 उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो चुनाव की नौबत आएंगी और वोट की गणित रोमांचक चुनावी तस्वीर बनाएगी।

दरअसल, अब तक भाजपा के 10 और सपा के दो नामांकन पत्र खरीदने से यह माना जा रहा था कि विधान सभा चुनाव से ठीक पहले का वर्ष होने से शायद कोई पार्टी चुनाव की नौबत नहीं आने देना चाहेगी। इसलिए चुनाव निर्विरोध हो जाएगा। पर भाजपा की तरफ से दो और नामांकन पत्र खरीदने की जानकारी सामने आई तो इसके निहितार्थ तलाशे जाने लगे। माना जा रहा है कि भाजपा इस कोशिश में लग गई है कि सपा के दो उम्मीदवारों को उच्च सदन में आसानी से न पहुंचने दिया जाए। अब सपा की तरफ से भाजपा की इस रणनीति का जवाब कैसे दिया जाएगा, यह आगे पता चलेगा।

विधायकों की टूट तय हैं
भाजपा अगर 11 उम्मीदवार उतारती है और सारे नामांकन पत्र दुरुस्त पाए जाते हैं तो चुनाव होना तय है। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश में राजनीतिक दलों में तोड़फोड़ होना तय है। किस दल का कौन विधायक टूटकर जाएगा और कौन किसको शह देगा या किसे मात मिलेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन मतदान की परिस्थिति प्रदेश में राजनीतिक दलबदल की नई कहानी जरूर लिखेगी। साथ ही भविष्य की राजनीति की दिशा और दशा का संकेत भी देगी।

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अब तक खरीदे गए 28 नामांकन पत्र

वैसे तो भाजपा के 12 और सपा की ओर से दो नामांकन पत्र खरीदे जाने के अलावा बसपा ने भी दो नामांकन पत्र खरीदवाए हैं। शेष नामांकन पत्र निर्दलीय उम्मीदवारों ने खरीदे हैं। पर राजनीतिक हल्कों में इसे कोई गंभीरता से नहीं ले रहा था। लोग मानकर चल रहे थे कि बसपा ने सिर्फ दबाव बनाने के लिए नामांकन पत्र मंगाए हैं। पर अब भाजपा के दो और नामांकन पत्र खरीदवाने के बाद यह संकेत मिलने लगे हैं कि 13वां उम्मीदवार उतरा तो यह चुनाव भी नए नजारे दिखाएगा।

दिल्ली में बैठक आज

Uttar Pradesh Politics: दिल्ली में शुक्रवार को प्रत्याशियों के नामों पर विचार के लिए बैठक बुलाई गई है। इसमें प्रदेश से भेजे गए नामों के पैनल पर विचार-विमर्श कर प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रदेश के महामंत्री संगठन पहले से ही दिल्ली में हैं। वैसे भाजपा ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा का इंतजार किए बिना ही नामांकन की तैयारियां कर ली हैं। विधायकों से सभी खरीदे गए नामांकन पत्रों पर बतौर प्रस्तावक हस्ताक्षर करा लिए गए हैं। सिर्फ उम्मीदवारों के नाम और उनकी संपत्ति तथा शपथ-पत्र से संबंधित औपचारिकताएं पूरी होना शेष है।

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