मुंबई, गुरुवार को महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ऑफिस में तल्खी तब और बढ़ गई जब राज्य की उद्धव सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य सरकार के विमान को देहरादून नहीं ले जाने दिया और उन्हें कमर्शियल फ्लाइट की सेवा लेनी पड़ी. कोश्यारी सरकारी चार्टर प्लेन में सुबह 10 बजे करीब 20 मिनट तक बैठे इंतजार करते रहे, लेकिन उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाड़ी सरकार ने चार्टर प्लेन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी. इसके बाद गर्वनर को विमान से उतरना पड़ा और फिर प्राइवेट एयरलाइंस स्पाइसजेट से टिकट बुक करके मुंबई से देहरादून रवाना हुए. इससे बीजेपी और सत्ताधारी एमवीए सरकार के बीच तनातनी और बढ़ गई. इस बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है और जानकारी मिलने के बाद ही वह इस पर टिप्पणी कर पाएंगे. 

दौरा निजी नहीं : राजभवन इस बाबत राजभवन की तरफ से बयान में कहा गया कि राज्यपाल का यह दौरा निजी नहीं बल्कि आधिकारिक था. उन्हें उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएस अधिकारियों के 122वें इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने के लिए जाना था. राज्य सरकार को इस बाबत 2 फरवरी को ही बताया गया था. हालांकि विमान पर पहुंचने के बाद भी परमिशन नहीं दी गई. इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी प्राइवेट कमर्शियल फ्लाइट से देहरादून के लिए रवाना हुए.

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सरकार बचकाना हरकतें कर रही सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक पद का अपमान किया है इस तरह की घटना राज्य में पहले कभी नहीं हुई थी. राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं है बल्कि वह एक पद है. पूरी यात्रा का कार्यक्रम सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया था. मुख्यमंत्री के पास भी एक फाइल गई थी लेकिन जानबूझ कर अनुमति नहीं दी गई, यह सरकार बचकाना हरकतें कर रही है. इस तरह का अहंकारी रवैया दिखाना गलत है. देवेन्द्र फडणवीस, नेता विपक्ष राजभवन के अधिकारी पर गिर सकती है गाज सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सरकारी चार्टर्ड प्लेन से उतरने के मामले में राजभवन सचिवालय को ही जिम्मेदार ठहराया है.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राजभवन के संबंधित अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है. इस वजह से राजभवन के अधिकारी पर गाज गिर सकती है. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि राज्यपाल को हवाई जहाज के उपयोग की अनुमति मिली है या नहीं, इसकी जांच पड़ताल करने की जरूरत राजभवन सचिवालय की थी. राज्यपाल ने विमान की मांग सरकार से की थी. सरकारी जहाज लेने के लिए यह नियम है. मान्यता मिलने के बाद हवाई जहाज उपलब्ध कराया जाता है.

…0.1KB/s ll .l ? अब जनता देगी जवाब राज्यपाल कोश्यारी से महा विकास आघाडी सरकार के चल रहे तनाव ने अब चरम रूप धारण कर लिया है. राज्यपाल को हवाई सफर से रोकने के राज्य सरकार के कदम से चिढ़े भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि राज्यपाल को विमान से उतार दिया गया. अब जनता इस सरकार को सत्ता से उतार देगी. उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार राज्यपाल से माफी मांगे. मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल को राज्य सरकार द्वारा विमान देने से इनकार बदनामी करने वाला काम है. लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए. अगर किसी अफसर ने ऐसा किया है तो उसे तत्काल पद से हटाया जाए.

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