संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी के बाद सियासत जारी है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी के बयान का बचाव किया. उन्होंने कहा कि उनकी मां का (statement for president was presented by breaking up) इरादा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान करना नहीं था, बल्कि यह केवल एक सामान्य टिप्पणी थी. प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मेरी मां 78 साल की महिला हैं और उन्होंने केवल यह कहा था कि राष्ट्रपति जी इतना लंबा भाषण पढ़कर थक गए होंगी. उनका ऐसा कहना किसी भी तरह से राष्ट्रपति का अपमान नहीं था, बल्कि यह उनके प्रति गहरे सम्मान का प्रतीक है.’

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statement for president was presented by breaking up – इन टिप्पणियों के बाद भाजपा ने तीखा पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति पद का अपमान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि शाही परिवार ने राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान किया है. वहीं, इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का असली अपमान तो मोदी सरकार ने किया है.
राष्ट्रपति का अपमान नहीं किया- मल्लिकार्जुन खरगे

खरगे ने एक्स पर लिखा, ‘महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था. कांग्रेस ने कभी भी महामहिम राष्ट्रपति का अपमान नहीं किया है, ये हमारी संस्कृति नहीं है.’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर राष्ट्रपति मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति को लोकतंत्र के मंदिर और राम मंदिर से दूर रखा.

राष्ट्रपति भवन ने दी प्रतिक्रिया

इस बयानबाजी के बाद राष्ट्रपति भवन ने कांग्रेस के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. राष्ट्रपति भवन ने कांग्रेस की टिप्पणियों को गलत और अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू अपने अभिभाषण के दौरान पूरी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ बोल रही थीं. राष्ट्रपति भवन ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति मुर्मू जब हाशिए पर खड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों की बात कर रही थीं, तो वे और भी ज्यादा संकल्पित थीं, और यह काम कभी भी थकावट का कारण नहीं बन सकता.

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