58 हजार से ज्यादा पूर्व सैनिक अप्रैल माह की पेंशन (Pension) न मिलने से सरकार से नाराज थे। इसे लेकर पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध भी प्रकट किया। इस मुद्दे को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उठाया था और सरकार पर वन रैंक वन पेंशन के बजाय ऑल रैंक नो पेंशन का आरोप लगाया था।सैनिको के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने वादा किया है कि बुधवार रात तक उन सभी पूर्व सैनिकों के बैंक खातों में पेंशन की रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी।

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जानकारी के अनुसार अप्रैल 2022 के लिए रक्षा मंत्रालय के पेंशनभोगियों को पेंशन (Pension) नहीं दी गई। जिससे कई पूर्व सैनिकों आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। कई थ्री स्टार अधिकारियों सहित इससे ऊपर की रैंक वाले अधिकारियों को अप्रैल माह की पेंशन नहीं मिली थी और सरकार के पेंशन वितरण प्राधिकरण ने उन्हें इस बारे में नहीं बताया।

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रक्षा मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लिया और लिखित बयान जारी करते हुए कहा कि मासिक पेंशन हासिल करने के लिए पेंशनभोगियों को वार्षिक पहचान (जीवन प्रमाण पत्र) जमा करना अनिवार्य होगा। हालांकि मंत्रालय ने इस मामले में तेजी से हस्तक्षेप किया और उन्हें पेंशन देने की अनुमति दी। साथ ही पेंशन प्राप्त करने के लिए अपने दस्तावेज जमा करने के लिए एकमुश्त विशेष छूट देने की भी बात कही। कहा कि कठिनाई से बचने के लिए इन 58,275 पेंशनभोगियों को 25 मई तक उनकी पहचान करने के लिए एकमुश्त विशेष छूट दी गई है। अप्रैल के लिए पेंशन आज रात बैंक खातों में डाल दी जाएगी। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि पेंशनभोगियों को अब लंबित जीवन प्रमाण पत्र के बारे में एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।

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पूर्व सैनिकों की पेंशन रुकने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सरकार से पूर्व सैनिकों को जल्द से जल्द पेंशन देने की मांग की। एचटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”वन रैंक, वन पेंशन’ के धोखे के बाद अब मोदी सरकार ‘ऑल रैंक, नो पेंशन’ की नीति अपना रही है। सैनिकों का अपमान करना देश का अपमान है। सरकार को पूर्व सैनिकों की पेंशन जल्द से जल्द देनी चाहिए।

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मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि बैंक (पिछली पेंशन वितरण एजेंसी) 58,275 पेंशनभोगियों के लिए पहचान की पुष्टि नहीं कर सके और न ही मासिक समापन के समय तक उनकी पहचान सीधे SPARSH पर प्राप्त हुई, और इसलिए, इन पेंशनभोगियों को उनकी अप्रैल पेंशन का भुगतान नहीं किया गया था। फरवरी में भी SPARSH में शुरुआती गड़बड़ियों के परिणामस्वरूप सैकड़ों पूर्व सैनिकों को उनकी जनवरी पेंशन के साथ महंगाई राहत नहीं मिली और कई महिला अधिकारियों को उस महीने तक लगभग एक साल तक पेंशन का भुगतान नहीं किया गया।

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