खरगोन। निमाड़-मालवा वालों के लिए खुशखबर यह है कि इंदौर-खंडवा रोड का काम मार्च तक पूरा हो जाएगा। इस रोड पर अक्टूबर तक मोरटक्का के नर्मदा ब्रिज और सिमरोल के वायडक्ट पर गर्डर लान्चिंग का काम आखिरी स्टेज में पहुंच गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मुताबिक अगले चार महीने के भीतर तीनों सुरंग, नर्मदा पुल और वायडक्ट बनकर तैयार हो जाएंगे।

एनएचएआई के मुताबिक, इंदौर-हैदराबाद कॉरिडोर के तहत तेजाजी नगर से बलवाड़ा तक छह लेन हाईवे बन रहा है। इसी हिस्से में सिमरोल टनल के बाद बनाए जा रहे वाया डक्ट पर 160 गर्डर की लॉन्चिंग पूरी हो चुकी है। यह कुल 450 मीटर का वायाडक्ट है, जिसमें 30-30 मीटर का एक-एक स्पान (हिस्सा) है। यहां 80 से 100 टन वजनी प्रत्येक गर्डर को दो क्रेन की मदद से खाई से 30 मीटर ऊपर बने दो पियर के बीच रखा गया। यह पूरी प्रक्रिया मार्च में शुरू हुई थी और पिछले सप्ताह ही पूरी हुई है।

मार्च तक ट्रैफिक शुरू करने का दावा

निर्माण कंपनी मेघा इंजीनियरिंग ने अगले साल मार्च तक इस हिस्से से ट्रैफिक शुरू करने का दावा किया है। इधर, नर्मदा नदी पर मोरटक्का में बन रहे ब्रिज का कार्य भी मार्च तक पूरा कराने का दावा किया गया है। इस ब्रिज के साथ ही बलवाड़ा से धनगांव के बीच बन रहा 45 किलोमीटर का फोरलेन भी कम्प्लीट होगा।

खंडवा एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आशुतोष सोनी के मुताबिक, बलवाड़ा-धनगांव प्रोजेक्ट 45 किलोमीटर का है, जिस पर सड़क निर्माण लगभग पूरा हो गया है। एक रेलवे ब्रिज का काम अधूरा है और बाकी नर्मदा नदी का ब्रिज है। नर्मदा नदी पर चार स्पान बाकी हैं, जो पांचवां स्पान था, उसे पिछले महीने कम्प्लीट किया है।

इंदौर-हैदराबाद के सफर में आठ घंटे बचेंगे

713 किमी की इस सड़क में अभी कई जगह स्टेट हाईवे हैं, जिन्हें एनएचएआई द्वारा नेशनल हाईवे की तर्ज पर बनाया जा रहा है। मौजूदा सड़क से अभी इंदौर-हैदराबाद के बीच 876 किमी का रास्ता है, जो हाईवे बन जाने के बाद 157 किमी कम हो जाएगा। इससे 18 घंटे का रास्ता 8 घंटे कम हो जाएगा और 10 घंटों में इंदौर से हैदराबाद पहुंचा जा सकेगा।

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