उत्तरप्रदेश के बरेली जिले के इज्जतनगर के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के डॉक्टरों ने एक अनोखा कारनामा कर दिखाया है. संस्थान के डॉक्टर रोहित कुमार और उनकी टीम ने पहली बार देश में स्वदेशी तकनीक से एक कुत्ते का कूल्हा (हिप) प्रत्यारोपण करने में (amazing indigenous technology) सफलता पाई है.

इस कामयाबी से न सिर्फ कुत्तों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा. साथ ही इलाज भी सस्ता और देश में ही उपलब्ध हो सकेगा. अभी तक कुत्तों के लिए आर्टिफिशियल हिप भारत में नहीं बनता था. जब किसी कुत्ते को हिप की जरूरत होती थी. तो उसे विदेश से मंगाना पड़ता था. इसमें कम से कम 5 लाख रुपये का खर्च आता था. अब आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने इस पर निर्भरता खत्म कर दी है. करीब तीन साल के लंबे रिसर्च और मेहनत के बाद डॉक्टर रोहित कुमार की टीम ने भारतीय कुत्तों के शरीर की बनावट के हिसाब से यह हिप और उसके उपकरण तैयार किए हैं.

दरअसल, आईवीआरआई की टीम ने इस काम को बड़ी चुनौती के तौर पर लिया. डॉक्टर रोहित कुमार ने शुरुआत में बरेली के प्रसिद्ध ह्यूमन ऑर्थो सर्जन डॉ. आलोक सिंह की मदद से हिप सर्जरी की बारीकियों को समझा. इसके बाद बरेली की मेडिकेयर फर्म के योगेश सक्सेना और देवेश सक्सेना के तकनीकी सहयोग से और गुजरात की लाइफ ऑर्थो केयर कंपनी की मदद से कुत्तों के लिए पूरी तरह देसी आर्टिफिशियल हिप और उससे जुड़े उपकरण बनाए गए.

amazing indigenous technology – इस तकनीक को तैयार करने में डिजाइन और आकार का काम डॉ. टी. साई कुमार ने अपने एमवीएससी रिसर्च के दौरान और डॉ. कमलेश कुमार ने पीएचडी के तहत किया. पूरा काम आईवीआरआई में चल रही एआईएनपी-डिमस्का परियोजना के अंतर्गत डॉ. अमरपाल, डॉ. ए.सी. सक्सेना और डॉ. ए.एम. पावड़े की टीम के साथ मिलकर पूरा किया गया.

Share.
Exit mobile version