देशभर में एक तरफ जहां विपक्ष की तरफ से सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ कर्नाटक सरकार ने हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) को सभी स्थानीय निकाय चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के बजाय मतपत्रों के उपयोग की सिफारिश (Ballot paper instead of EVM) करने का फैसला लिया है.

सरकार ने यह फैसला EVM में लोगों के विश्वास की कमी और मतदाता सूची में विसंगतियों और “वोट चोरी” के आरोपों के कारण लिया गया है. सरकार ने SEC को मतदाता सूची को संशोधित करने और आवश्यक कानूनी बदलाव करने का भी अधिकार दिया है. सरकान ने कहा कि इस परिवर्तन के बाद आगे होने वाले स्थानीय चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ने की उम्मीद है.

कैबिनेट बैठक के बाद कानून और संसदीय मंत्री एचके पाटिल ने दावा किया कि लोगों में ईवीएम के प्रति विश्वास और विश्वसनीयता कम हो रही है. मंत्री ने मतदाता सूची में विसंगतियों और “वोट चोरी” के आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि कैबिनेट ने राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची “तैयार करने, संशोधित करने और जरूरत पड़ने पर दोबारा तैयार करने” के लिए अधिकृत करने का भी फैसला किया है.

Ballot paper instead of EVM – मंत्री पाटिल ने कहा, “अगले 15 दिनों में सभी नियम और जरूरी कानूनी बदलाव कर दिए जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने अपनी सिफारिशें दे दी हैं. पहले विधानसभा चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूचियों का इस्तेमाल स्थानीय निकाय चुनावों के लिए किया जाता था. इन सूचियों को पूरी तरह से संशोधित या संशोधित करने या ज़रूरत पड़ने पर दोबारा तैयार करने और गुणवत्तापूर्ण मतदाता सूचियाँ तैयार करने के लिए, हम राज्य चुनाव आयोग को मतदाता सूचियाँ तैयार करने की सिफारिश करेंगे.

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