BJP Panchayat Chunav: बीते साल कोरोना के कारण प्रदेश सरकार के तीन साल पुरे होने का जश्न ठीक से न मना पाने से निराश भाजपा ने इस बार चार साल की योगी सरकार के जश्न को ठीक से मनाने के साथ पंचायत चुनाव में उतरने की तैयारी की है। इसके लिए पार्टी ने रणनीति का पूरा खाका खींच लिया है। तैयारी यह है कि जश्न मनाने के बहाने एक सप्ताह का लाभार्थियों और गांवों के आम लोगों से सघन संपर्क व संवाद कर उन्हें सरकार के काम बताए जाएं। खासतौर से केंद्रीय कृषि कानूनों पर चल रहे आंदोलन के मद्देनजर गांव-गांव पूरी बात लोगों को समझाने और फिर मार्च के तीसरे सप्ताह चुनावी शंखनाद के साथ मैदान में उतरने की योजना है। योगी सरकार के चार साल का कार्यकाल 19 मार्च को पूरा हो रहा है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर क्षेत्र और जिलों के साथ मंडलों तथा जिला पंचायत क्षेत्रों तक संयोजक नियुक्त कर चुकी भाजपा के नेता किसानों के आंदोलन के पंचायत चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित और चौकन्ने हैं। इसलिए उनकी तैयारी प्रदेश सरकार के चार साल के जश्न के सहारे गांव-गांव संगठनात्मक संपर्क का एक दौर और पूरा कर लेने की है।

इससे लोगों को प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार के कामों का नए सिरे से स्मरण कराया जाएगा। इस तरह की तैयारी : लोगों को भाजपा के संपर्क-संवाद के साथ दिए जाने वाले आश्वासनों पर ठीक से भरोसा रहे इसके लिए छोटे-छोटे सम्मेलनों में खासतौर से पश्चिमी यूपी में प्रमुख चेहरों के जरिये लोगों से जुड़ाव बढ़ाने की तैयारी की गई है। इसके लिए न सिर्फ केंद्र और प्रदेश सरकार की गांवों, गरीबों और खेती-किसानी तथा किसानों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है बल्कि पंचायतीराज प्रतिनिधियों को ज्यादा ताकत के साथ जिम्मेदारी सौंपने के लिए भी कार्ययोजना बनाने की तैयारी है। गैर भाजपा सरकारों में गरीबों, महिलाओं और किसानों के साथ होने वाले अन्याय तथा घटी घटनाओं की भी याद दिलाने की रणनीति पर काम करने का फैसला किया गया है।

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ये है रणनीति
BJP Panchayat Chunav: इसके तहत पार्टी के लोग गांवों में बताएंगे कि गैर भाजपा सरकारों में किस तरह किसानों की जमीनों को पूंजीपतियों के कब्जे में दे दिया गया। इसके लिए प्रदेश में हुए अनाज घोटाले, मनरेगा घोटाले से लेकर गरीबों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में होने वाले गोलमाल की याद दिलाते हुए इस पर अंकुश लगाने के लिए भाजपा सरकार की तरफ से किए गए निर्णयों की जानकारी दी जाएगी। दैवीय आपदा में किसानों को दी जाने वाली राहत में आने वाली कठिनाइयों की भी याद दिलाते हुए इसे दूर कर और सहायता राशि बढ़ाने के निर्णयों के साथ किसानों की ऋण माफी, गरीबों को आवास आवंटन में होने वाली हेराफेरी रोकने के साथ उसकी कीमत बढ़ाने, स्वच्छता अभियान और शौचालय निर्माण, बिजली आपूर्ति में बेहतरी के साथ किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए किए गए फैसले भी बताए जाएंगे।

गांवों तक के चुनाव पर नजर
वैसे तो पार्टी ने मुख्य रूप से जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में ही अधिकृत तौर पर उतरने का निश्चय किया है। पर कोई कार्यकर्ता यदि ग्राम प्रधान अथवा क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ना चाहता है तो मंडल के प्रभारियों व संयोजकों को अनौपचारिक रूप से उसे भी पूरा सहयोग देने को कहा गया है। हालांकि इन पदों के लिए भी स्थानीय स्तर पर पार्टी के सिर्फ एक कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने की अनुमति है। ज्यादा दावेदार होने पर मंडल स्तर पर बैठक कर संबंधित गांवों के कार्यकर्ताओं से परामर्श कर निर्णय किया जाएगा। निर्णय न मानकर यदि दूसरा कार्यकर्ता भी जिद करके चुनाव लड़ता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

संगठनात्मक संपर्क को विस्तार देना राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी

BJP Panchayat Chunav: प्रभारी व पार्टी के उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि निरंतर जनाधार को मजबूत करना और संगठनात्मक संपर्क को विस्तार देने के लिए काम करना राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी हैं। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी और केंद्र के साथ देश के कई राज्यों में सरकार में होने के कारण भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के बीच अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जाए। उनकी आशंकाओं को दूर करें और आकांक्षाओं को समझें।

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