BHU Varanasi Update- काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को देश में मूल्यों की शिक्षा का नोडल केंद्र बनाने की तैयारी है। बीएचयू का मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में मानवीय मूल्य और नैतिकता का पाठ्यक्रम लागू करवाने के लिए नियामक व संरक्षक के रूप में कार्य करेगा। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की मानवीय दृष्टि व भावना के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 21 पेज का विजन डाक्यूमेंट मूल्य प्रवाह तैयार किया है।

देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में लागू किया जाना है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह ने 2008-2011 तक बीएचयू के कुलपति रहते हुए विश्वविद्यालय में औपचारिक पाठ्यक्रमों में भी मूल्य नीति की शुरुआत की थी। इसका आधार महामना की ऐसे विश्वविद्यालय की संकल्पना थी,जो न सिर्फ शैक्षिक विकास करे, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में भी भूमिका निभाए। छह जनवरी की महामना की जयंती पर आयोजित वेबिनार में मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के समन्वयक प्रो. आशाराम त्रिपाठी ने बीएचयू को नोडल केंद्र बनाने का प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर यूजीसी अध्यक्ष ने मौखिक सहमति दी थी।

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BHU Varanasi Update- एकेडमिक काउंसिल से सहमति के बाद प्रस्ताव यूजीसी को भेजा जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि बीएचयू नोडल केंद्र के रूप में देश भर के विश्वविद्यालयों व संस्थानों को नैतिकता, सत्यनिष्ठा और व्यवहारिकता की सीख देगा और उनके नियामक व संरक्षक के रूप में कार्य करेगा। अभी तक यह बीएचयू के छात्रों के लिए अनौपचारिक कोर्स के तौर पर संचालित था । लेकिन अब यहां बाहर के छात्र भी अध्ययन व शोध कर सकेंगे। पीएचडी कोर्स पहली बार शुरू किया जाएगा।

समाज में एक-दूसरे के प्रति बढ़ रही ईण्या, बैरव दूरियों ने अवसाद, आत्महत्या कई असाध्य और रोगों को जन्म दिया है। प्रशासनिक क कारोबारी वर्ग भी भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही व हीन भावना में लिप्त हैं। यदि महामना के मूल्यों को शिक्षा का हिस्सा बना दिया जाए. तो काफी हद तक इन समस्याओं पर काबू पाने में मदद मिल सकती हैप्रो. आशाराम त्रिपाठी, समन्वयक, मालवीय मूल्य अनुशीतन केंद्र, बीएचयू

छात्र के चरित्र में समाहित हैं महान नगर के गुण : यूजीसी ने अपने विजन डाक्यूमेंट में महामना के उन विचारों का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह विश्वविद्यालय न केवल डाक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, व्यापारी व शास्त्री तैयार करेगा, बल्कि उत्तम चरित्र वाले व्यक्तियों का भी निर्माण करेगा।

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