यूक्रेन पर हमले (Attack On Ukraine) के खिलाफ रूस के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार को युद्ध विरोधी प्रदर्शनों में शामिल 1,728 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और सुदूर पूर्वी साइबेरियाई शहर नोवोसिबिर्स्क सहित 53 शहरों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर युद्ध के प्रति अपना असंतोष जताया।

सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में अलग-अलग आकार के विरोध प्रदर्शन देखे जा सकते हैं। इनमें सेंट पीटर्सबर्ग और मॉस्को में सैकड़ों लोगों से लेकर मध्य रूस के चेल्याबिंस्क जैसे छोटे शहरों में कुछ लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। मॉस्को में 900 से अधिक लोगों को कथित रूप से हिरासत में लिया गया है। ऑनलाइन पोस्ट किए गए फुटेज में भारी हथियारों से लैस पुलिस सड़कों पर तैनात दिखाई दे रही है।

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Attack On Ukraine – कार्नेगी रिसर्च इंस्टिट्यूट के सीनियर फेलो और रूसी मामलों के जानकार पॉल स्ट्रोन्स्की ने कहा कि कई रूसी भयभीत हैं। हालांकि, इसे लेकर बड़े पैमाने पर ओपिनियन पोल की जरूरत है। उन्होंने कहा, “यह एक संकेत है कि लोग युद्ध नहीं चाहते हैं। फिर भी रूस में सत्तावाद के स्तर को देखते हुए कह सकते है कि प्रदर्शनकारी बहादुर लोग हैं।”

ज्ञात हो कि 24 फरवरी की रात रूसी लोगों ने यूक्रेन के समर्थन में रैली की। लोगों ने इसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे काले अध्यायों में से एक बताया है। सेंट पीटर्सबर्ग की एक रैली में एक महिला ने कहा है कि मेरे पास कोई शब्द नहीं है। यह घृणित है। हमारी संवेदनाएं यूक्रेन के साथ हैं। रैली में आए एक शख्स ने पुतिन को जमकर कोसा। उसने पुतिन को हत्यारा बताया और कहा कि यह रूस के लिए शर्म की बात है। उसने कहा कि कोई नहीं बता सकता है कि यह आदमी आगे क्या करने वाला है।

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स्वतंत्र पोलस्टर लेवाडा सेंटर के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अप्रूवल रेटिंग हाल के महीनों में बढ़कर 69 प्रतिशत हो गई। वहीं, यूक्रेन के प्रति रूस में नकारात्मक दृष्टिकोण ने छह महीनों में पहली बार फरवरी में सकारात्मक दृष्टिकोण को पार कर लिया। रूसी सेनाएं गुरुवार दोपहर दो साइड से कीव में दाखिल हुईं। पुतिन ने सुबह के शुरुआती घंटों में ‘विशेष सैन्य अभियान’ की घोषणा की, जिसके बाद पूरे यूक्रेन में लड़ाई शुरू हो गई।

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