पाकिस्तान के बलोन में ट्रेन हाईजैक के बीच बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने नया बयान जारी किया है. बलोच आर्मी का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार अपने बंधक सैनिकों को लेकर गंभीर (will kill 5 every hour) नहीं है. इसका नतीजा काफी गंभीर होने वाला है. बीएलए का कहना है कि अभी भी उसके कब्जे में 200 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक हैं.
प्रेस रिलीज जारी कर बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने कहा है कि 24 घंटे बीत गए, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया. उलटे पाकिस्तान की सरकार फेक खबरें फैलाने में लगी हुई है. हम आखिरी बार चेतावनी दे रहे हैं. अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हर घंटे 5 पाकिस्तानी सैनिकों को मार देंगे.
सभी सैनिक हमारे कब्जे में- बलोच आर्मी
बलोच आर्मी का कहना है कि सभी पाकिस्तानी सैनिक अभी हमारे कब्जे में हैं. पाक सेना और उससे जुड़े करीब 200 लोगों को हमने अपने पास रखा हुआ है. सिचुएशन हमारे कंट्रोल में है, लेकिन पाकिस्तान की सेना कुछ और ही कहानी बता रही है.
will kill 5 every hour – बीएलए का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार पूरे मामले को अलग ही डायरेक्शन देने में लगी है, जबकि वो यह नहीं बता रही है कि उसके सैनिक कैसे बलूचिस्तान के लोगों पर कहर बनकर टूट रहे हैं.
बीएलए ने कहा है कि तुरंत ही हमारे लड़ाकों को पाकिस्तान की सेना छोड़े, तभी उसके सैनिक छोड़े जाएंगे. यह हम दोनों के बीच युद्ध का एक समझौता होगा.
पाकिस्तान में खामोशी, ताबूत की चर्चा
इधर, पाकिस्तान में खामोशी छाई हुई है. दोपहर के बाद से BLA के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन पर कोई बड़ी नई जानकारी सरकार की तरफ से नहीं दी गई है. 200 से ज्यादा ताबूत बोलान भेजे गए हैं, स्थिति पहले जैसी बनी हुई है.
बंधकों को सुरक्षा में पास के इलाकों में ले जाया गया है और वे फिदायीन स्क्वाड/मजीद ब्रिगेड के नियंत्रण में हैं. वहीं पाक सरकार ने बातचीत करने से मना कर दिया है.
वहीं कहा जा रहा है कि बातचीत नहीं होती है और बलोच आर्मी सैनिकों को मारती है तो पाक सेना अपने ही सैनिकों की बड़ी मौतों को आम नागरिकों की मौत बताकर पेश करेगी.
पाक में बढ़ रही BLA की ताकत
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की बढ़ती ताकत ने सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार इस संगठन को काबू करने में पूरी तरह नाकाम रही है और उसकी पुरानी रणनीतियां अब कारगर साबित नहीं हो रही हैं.
BLA ने अपनी रणनीति को बदला है. पहले यह संगठन छोटे स्तर पर हमले करता था, जिसमें सरकारी अधिकारियों या पाइपलाइनों को निशाना बनाया जाता था, लेकिन अब यह बड़े ऑपरेशनों को अंजाम देने लगा है.