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हिमाचल में बिजली परियोजनाओं पर लगेगा वाटर सेस, विधेयक पेश

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Water Cess

शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदन में राज्य की बिजली परियोजनाओं पर (Water Cess) वाटर सेस लगाने सम्बंधी मंगलवार को विधेयक पेश किया गया। सरकार का दावा है कि इससे आम जनता पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने सम्बंधी विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य की नदियों और सहायक नदियों में जो पानी बह रहा है, उससे आय हो सकती है।

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बिजली उत्पादन पर ऐसा कर दूसरे राज्यों में भी लगा हुआ है। प्रदेश पर कर्ज बहुत है, लेकिन कर आमदनी कम है। इस कदम से चार हजार करोड़ रुपये की आमदनी होगी। यह जो विधेयक वह लेकर आए हैं इस पर उन्होंने रात को 2.08 मिनट पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कर बड़ी परियोजनाओं पर लगाया जाएगा तथा इसका आम जनता पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के बाद यह विधेयक लाया गया है। सरकार आय बढ़ाने के अन्य स्रोतों पर भी आने वाले समय में कदम उठाएगी।

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Water Cess – उन्होंने कहा कि सेस को लेकर गत सोमवार को भी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष के अलावा एनटीपीसी और एनएचपीसी से भी बात की गई है। इस सेस को लेकर कई जगह समझौता भी करना पड़ सकता है। अगर किसी परियोजना पर यह सेस बोझ प्रतीत होगा तो इस पर विचार करेंगे। इससे राज्य को लगभग चार हजार करोड़ रुपये आय होने का अनुमान है।