छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयकर विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सर्विस देने वाली जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज कंपनी की बड़े पैमाने पर आयकर (the story of 30 crore fraud) चोरी पकड़ी है. जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेज ने 30 करोड़ की कर चोरी को स्वीकार किया है.
the story of 30 crore fraud – कंपनी के संचालकों ने नौकरी करने वाले कर्मचारियों के वेतन भत्ते आदि में गड़बड़ी की बात भी स्वीकार की है. साथ ही सरेंडर भी कर दिया है. इसके अलावा विभाग ने बताया कि कंपनी में आईटीआर व अन्य रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर खर्च दिखाकर प्रॉफिट कम दर्शाते हैं.
फर्जी बिलिंग बनाकर हो रही थी चोरी
विभाग ने सामने आया था कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि कंपनी ने अपनी स्थापना लागत और खचों को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था. कर की देनदारी से बचने के लिए फर्जी बिलिंग की जा रही थी. आईटीआर व अन्य रिकार्ड में बड़े पैमाने पर खर्च दिखाकर प्रॉफिट कम दर्शाने का खुलासा हुआ. इसके अलावा कंपनी अपने स्थाई कर्मचारियों की संख्या को कम दर्शाता था और आयकर की धारा 80 TTAA के तहत लगातार कर चोरी कर रही थी.
दो लोगों की हो गई है गिरफ्तारी
मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेड़ाऊ की निगरानी में संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा समेत 20 कर अधिकारियों ने कार्रवाई पूरी की. विभाग की टीम ने संचालकों के घरों साथ-साथ टावर के दूसरी मंजिल पर स्थित कंपनी के कार्यालय पर भी छापेमारी की. इस दौरान कंपनी के तीन निदेशकों में से दो धर्मेंद्र सिंह और जोगेंद्र सिंह को पकड़ लिया लेकिन तीसरे निदेशक अमरेंद्र सिंह मौके से फरार हो गया था.
शिकायत के बाद मारे थे छापे
आयकर विभाग ने शिकायत व आंकलन के बाद छापे मारे थे. जांच के दौरान संदिग्ध लेनदेन से संबंधित दस्तावेजों-बिलों की जांच में खुलासा हुआ कि संस्थान किराए के भवन में संचालित होने के बावजूद असामान्य रूप से ज्यादा खर्च दर्शा रहा था. जांच टीम ने अकाउंट्स डिपार्टमेंट से तीन डेस्कटॉप, चार लैपटॉप की एंट्रियों की गहन जांच की.